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इकलौते टाइगर रिजर्व में मिला तेंदुए का शव, जानें कैसे हुई मौत?

वीटीआर के सीएफओ के मुताबिक अक्सर टेरीटोरी के विवाद में इन जंगली जानवरों के बीच जानलेवा संघर्ष होता रहता है. बीते एक साल में ही दो बाघ और दो तेंंदुओं की इसी तरह के संघर्ष में जान गई है. ताजा मामले में भी तेंदुए की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है.

इकलौते टाइगर रिजर्व में मिला तेंदुए का शव, जानें कैसे हुई मौत?
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फाइल फोटो
स्टेट मिरर डेस्क
by: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 17 Sept 2024 6:47 PM

बिहार के इकलौते वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में एक तेंदुए की मौत हो गई. उसका शव मिलते ही वन अधिकारियों में हड़कंप मच गया. आनन फानन में तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. हालांकि अब तक साफ नहीं हो सका है कि तेंदुए की मौत का वजह क्या है. यह घटना टाइगर रिजर्व के बॉर्डर का है. आशंका है कि किसी शिकारी ने तेंदुए का शिकार किया है. वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के सीएफओ डॉ. नेशामणि ने घटना की पुष्टि तो की, लेकिन कहा कि मौत की वजह बिसरा जांच के बाद ही पता चल सकेगा. फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है. वन अधिकारियों के मुताबिक सोमवार की देर शाम नो मैन जोन में तेंदुआ का शव मिलने की सूचना मिली.

चूंकि इस इलाके में किसी भी तरह की आवाजाही पर प्रतिबंध है, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि तेंदुए की मौत हुई कैसे? सीएफओ डॉ. नेशामणि ने बताया कि वनकर्मियों ने गश्त के दौरान मदनपुर वन क्षेत्र के पास से तेंदुए का शव बरामद किया है. गश्ती टीम ने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. उसके बाद से मामले की जांच कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि मंगलवार को वन विभाग के उच्चाधिकारियों में तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम कर विसरा सुरक्षित किया गया. अब इसे जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), बरेली और भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूडब्ल्यूआई), देहरादून भेजा जा रहा है.

टेरीटोरी के लिए संघर्ष होने की आशंका

सीएफओ के मुताबिक इस टाइगर रिजर्व में 60 से अधिक टाइगर हैं. वहीं तेंदुओं की संख्या में 100 के पार है. नेपाल और उतर प्रदेश की सीमा से लगते इस टाइगर रिजर्व में अक्सर बाघों और तेंदुओं के बीच टकराव होता रहता है. कई बार यह जंगली जानवर टेरीटोरी के विवाद में आपस में भी लड़ मरते हैं. हाल ही में गौनाहा क्षेत्र में एक बाघ का शव मिला था. वहीं वाल्मीकिनगर रेंज में पिछले साल एक बाघ और तेंदुआ दोनों ही मरे पडे थे. इन मामलों की जांच में भी टेरीटोरी के लिए संघर्ष की बात सामने आई थी. अधिकारियों के मुताबिक अक्सर बाघ को देखकर तेंदुए भाग जाते हैं, लेकिन कई बार इनका आमना सामना भी हो जाता है.

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