तबीयत बिगड़ी लेकिन अनशन जारी रखने पर अड़े प्रशांत किशोर, RJD सांसद ने PK को बताया दिल्ली का दलाल
मंगलवार को प्रशांत किशोर की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल वे आईसीयू में भर्ती हैं, और डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. इसके बावजूद, प्रशांत किशोर अपने अनशन पर अड़े हुए हैं और उन्होंने कुछ भी खाने से इनकार कर दिया है.

बीपीएससी छात्रों के समर्थन में अनशन कर रहे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की तबीयत मंगलवार को अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल वे आईसीयू में भर्ती हैं, और डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. इसके बावजूद, प्रशांत किशोर अपने अनशन पर अड़े हुए हैं और उन्होंने कुछ भी खाने से इनकार कर दिया है.
प्रशांत किशोर के अनशन का बुधवार को छठा दिन है. सोमवार को अनशन के दौरान सो रहे प्रशांत किशोर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों पर जमानत दी थी, शर्तें नहीं मानने की वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा था. हालांकि, शाम तक उन्हें कोर्ट से बरी कर दिया गया.
कब तक जारी रहेगा PK का अनशन?
बुधवार को बीपीएससी आंदोलन के एक प्रतिनिधि मंडल ने अस्पताल में प्रशांत किशोर से मुलाकात की और उनसे अनशन समाप्त करने की अपील की. हालांकि, प्रशांत किशोर ने यह अपील ठुकरा दी और कहा, "जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, अनशन जारी रहेगा.' जन सुराज पार्टी ने इस घटनाक्रम की जानकारी अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दी है.
दूसरी ओर, जन सुराज पार्टी के नेता बुधवार शाम बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात करेंगे. इस बैठक में उनके साथ कुछ बीपीएससी छात्र भी शामिल होंगे. पार्टी की ओर से बीपीएससी में कथित धांधली की जांच कराए जाने, परीक्षा को दोबारा आयोजित कराने, और अन्य सुधारात्मक कदम उठाने की मांगों को सरकार के सामने रखा जाएगा. यह बैठक प्रशांत किशोर के अनशन के मद्देनजर काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि यह मुद्दा बिहार में छात्रों और युवाओं के बीच गहरी नाराजगी का कारण बन चुका है. जन सुराज पार्टी और छात्र प्रतिनिधि उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इन मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी और जल्द ठोस कदम उठाएगी.
ये क्या कह रहे RJD सांसद?
RJD सांसद सुरेंद्र यादव ने कहा कि प्रशांत किशोर का केवल इतना उद्देश्य भाजपा को मजबूत करना है. वह छात्रों के कार्यक्रमों में शामिल होकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं. लेकिन बिहार की जनता उनकी मंशा को अच्छी तरह समझती है. उन्होंने कहा कि बिहार में नौकरी का मतलब तेजस्वी प्रसाद है. अपने 17 महीने के कार्यकाल में तेजस्वी यादव ने युवाओं को नौकरियों की सौगात दी है. उनकी लोकप्रियता से केंद्र सरकार डरी हुई है. प्रशांत किशोर जैसे लोगों को सामने लाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह संभव नहीं है.