Begin typing your search...

क्या पुलिस ने प्रशांत किशोर को मारा थप्पड़? गांधी मैदान से लेकर AIIMS तक PK के साथ क्या- क्या हुआ?

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर और कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि 'गांधी मैदान में आयोजित धरना 'अवैध' है क्योंकि यह प्रतिबंधित स्थल पर आयोजित किया जा रहा है.

क्या पुलिस ने प्रशांत किशोर को मारा थप्पड़? गांधी मैदान से लेकर AIIMS तक PK के साथ क्या- क्या हुआ?
X
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 6 Jan 2025 10:06 AM IST

बीपीएससी (BPSC) परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर गांधी मैदान में अनशन कर रहे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी के बाद समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. पुलिस ने प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर चेकअप के लिए एम्स ले जाया, जहां उनके समर्थक भी पहुंचे हुए थे.

पुलिस ने बताया कि एम्स में मेडिकल चेकअप के बाद प्रशांत किशोर को एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है. प्रशांत किशोर को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. उनके खिलाफ गांधी मैदान थाने में प्रतिबंधित क्षेत्र में आंदोलन करने, सरकारी कामकाज में बाधा डालने समेत अन्य आरोपों में दो केस दर्ज किए गए हैं.

जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि 'गांधी मैदान में आयोजित धरना 'अवैध' है क्योंकि यह प्रतिबंधित स्थल पर आयोजित किया जा रहा है. हां, गांधी मैदान में धरने पर बैठे किशोर और उनके समर्थकों को पुलिस ने सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया, अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा.' एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पटना पुलिस ने गांधी मैदान में आमरण अनशन करने के लिए किशोर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गांधी मैदान महात्मा गांधी प्रतिमा के पास प्रतिबंधित स्थल है.

इतना ही नही छात्रों का कहना है कि पुलिस ने प्रशांत किशोर को थप्पड़ भी मारे हैं जिसका वीडियो सोशल मीडिय पर तेजी से वायरल हो रहा है. जहां जन सुराज के संस्थापक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे. पुलिस की टीम प्रशांत किशोर को एंबुलेंस से एम्स ले गई है.

प्रशांत किशोर को लेकर क्या बोले पटना के डीएम?

पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि पटना के गांधी मैदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में गांधी प्रतिमा के सामने सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर और कुछ अन्य लोग अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर अवैध रूप से धरना दे रहे थे. प्रशासन ने वहां से हटकर प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान गर्दनीबाग जाने का नोटिस जारी किया था.

आगे उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रूप से प्रदर्शन करने के आरोप में गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. बार-बार अनुरोध करने और पर्याप्त समय देने के बाद भी जगह खाली नहीं की गई. आज उन्हें कुछ समर्थकों के साथ हिरासत में लिया गया है. वे पूरी तरह स्वस्थ हैं. उन्हें निर्धारित प्रक्रिया के तहत कोर्ट में पेश किया जाएगा.

जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर के समर्थकों ने कहना है कि 'जब प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया गया तो उनका चश्मा फेंक दिया गया. जब मैं चश्मा लेने गया तो मुझे चोट लग गई और उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. हमें नहीं पता कि प्रशांत किशोर को कहां ले जाया गया है.

प्रशांत किशोर की टीम का कहना है कि बिहार पुलिस ने उन्हें आमरण अनशन स्थल गांधी मूर्ति से सुबह 4 बजे गिरफ्तार कर एंबुलेंस के जरिए अज्ञात स्थान पर ले जाया. इस दौरान उन्होंने इलाज कराने से इनकार करते हुए अनशन जारी रखने की बात कही.

समाचार एजेंसी ANI द्वारा साझा किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि समर्थकों के विरोध के बावजूद पुलिस उन्हें जबरन स्थल से हटाकर ले जा रही है. पूर्व चुनाव रणनीतिकार ने रविवार को बताया कि नवगठित YSS (युवा सहयोग समिति) के 51 सदस्यों में से 42 ने इस आंदोलन को जारी रखने का फैसला किया.

जैसे ही पुलिस ने प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने की कोशिश की, उनके समर्थक छात्रों ने उन्हें घेर लिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच जोरदार झड़प हुई. हालांकि, पुलिस ने आखिरकार प्रशांत किशोर को हिरासत में ले लिया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.

ये क्या कह रहे BPSC छात्र?

पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे प्रशांत किशोर बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे. सोमवार तड़के सुबह करीब चार बजे बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और प्रशांत किशोर को वहां से जबरन उठा लिया. जन सुराज से जुड़े लोगों का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने प्रशांत किशोर के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें थप्पड़ भी मारे.

बिहार
अगला लेख