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पटना में बदमाशों ने कारोबारी गोपाल खेमका को मारी गोली, 7 साल पहले हुई थी बेटे की हत्या; पुलिस को क्या क्या पता चला?

पटना के मशहूर व्यवसायी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या से शहर दहल उठा. 4 जुलाई की रात अपार्टमेंट के बाहर जैसे ही वे कार से उतरे, बदमाशों ने सिर में गोली मार दी. घटना ने न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि कारोबारी वर्ग में भय और आक्रोश की लहर दौड़ा दी है.

पटना में बदमाशों ने कारोबारी गोपाल खेमका को मारी गोली, 7 साल पहले हुई थी बेटे की हत्या; पुलिस को क्या क्या पता चला?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 5 July 2025 8:38 AM

बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर गुंडाराज राज की गवाही दे रही है. शुक्रवार रात गांधी मैदान थाना क्षेत्र में राज्य के चर्चित उद्योगपति और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना को रात 11 बजे तब अंजाम दिया गया जब खेमका अपनी कार से उतरकर अपार्टमेंट की ओर जा रहे थे.

जानकारी के मुताबिक, गोपाल खेमका अपने निवास स्थल के पास ही एक अपार्टमेंट में पहुंचे थे, तभी घात लगाए बदमाशों ने नजदीक से उनके सिर में गोली मार दी. गोली लगते ही खेमका वहीं गिर पड़े और मौके पर ही दम तोड़ दिया. हमले की सटीकता और समय इस बात की ओर इशारा करते हैं कि वारदात पूरी तरह योजनाबद्ध थी.

पहले बेटे की हुई थी हत्या

खेमका परिवार पहले भी अपराधियों के निशाने पर रह चुका है. 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी वैशाली जिले में हत्या कर दी गई थी. अब गोपाल खेमका की हत्या ने पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

गोली और स कारतूस का खोखा बरामद

गांधी मैदान थाना पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से एक गोली और एक कारतूस का खोखा बरामद किया है. पुलिस का कहना है कि घटनास्थल को सील कर दिया गया है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. संदिग्धों की पहचान के लिए कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है.

पप्पू यादव का तीखा हमला

घटना के बाद जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव मौके पर पहुंचे और परिवार से मुलाकात की. उन्होंने सोशल मीडिया पर बिहार सरकार और पुलिस पर तीखा हमला करते हुए लिखा, "राजधानी में महा गुNDAराज! शर्म से डूब मरो सरकार!" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि थाना पास में होते हुए भी पुलिस मौके पर देर से क्यों पहुंची?

पुलिस के हाथ खाली

पुलिस अधीक्षक दीक्षा के अनुसार हत्या के पीछे अब तक कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. शुरुआती जांच में व्यावसायिक रंजिश या जमीन विवाद की आशंका से इनकार नहीं किया गया है. फिलहाल पुलिस तकनीकी और मानव स्रोतों के माध्यम से सुराग ढूंढ़ने में जुटी है.

कारोबारी वर्ग में रोष, सुरक्षा की मांग

गोपाल खेमका को एक सफल उद्योगपति के साथ-साथ समाजसेवी के तौर पर भी जाना जाता था. उनकी हत्या ने व्यापारी समुदाय को झकझोर दिया है. व्यापार मंडलों और स्थानीय संगठनों ने एक सुर में दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और राजधानी में व्यापारियों को विशेष सुरक्षा देने की मांग की है.

राजधानी में लगातार बढ़ रहा क्राइम ग्राफ

पटना जैसे अत्यधिक निगरानी वाले इलाके में दिन के अंत में इस तरह की हत्या ने राज्य में कानून व्यवस्था की हालत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. बढ़ते अपराधों को देखते हुए आम जनता और व्यापारी वर्ग पुलिस से अब सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि त्वरित कार्रवाई और नतीजे की मांग कर रहे हैं.

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