इधर नीतीश कुमार लेंगे शपथ, उधर उपवास पर बैठेंगे प्रशांत किशोर; राहुल-तेजस्वी छोड़िए PK बने बिहार में बड़ा "विपक्षी चेहरा"
नीतीश कुमार आज बिहार के 10वीं सीएम बनने जा रहे हैं. जहां एक तरफ नीतीश कुमार का सपथ ग्रहण समारोह होगा तो वहीं दूसरी तरफ जन सुराज के अध्यक्ष प्रशांत किशोर उपवास पर बैठेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने एनडीए पर कई सवाल उठाए.
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की भारी जीत के बाद जहां विपक्षी दलों के प्रमुख चेहरे तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जनता के सामने आने से बचते दिखे, वहीं जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पहले नेता साबित हुए जिन्होंने न सिर्फ हार स्वीकार की बल्कि सरकार को सीधे चुनौती देकर खुद को बिहार की सबसे मजबूत विपक्षी आवाज के रूप में स्थापित किया.
चुनाव के नतीजों के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में पीके ने कहा "जब तक आप हार नहीं मानते, तब तक वे भी हार नहीं मानेंगे". इसके बाद प्रशांत किशोर ने एमडीए द्वारा चुनाव से पहले किए गए वादों पर भी सवाल उठाए.
शपथ ग्रहण के दिन पीके का 24 घंटे का उपवास
प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि वे महिलाओं को मिलने वाले वादे के आर्थिक लाभ की निगरानी करेंगे और 20 नवंबर को नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के दिन 24 घंटे का मौन और भूख हड़ताल करेंगे. उनकी यह पहल सत्ता के वादों की जवाबदेही तय करने की ओर संकेत मानी जा रही है.
गांधी आश्रम में बैठकर करेंगे उपवास
पीके ने उपवास के लिए पश्चिमी चंपारण स्थित भितिहरवा के गांधी आश्रम को चुना है दिलचस्प बात यह है कि उसी दिन पटना के गांधी मैदान में नई सरकार शपथ लेगी. भितिहरवा आश्रम 1917 के गांधी के सत्याग्रह से जुड़ा हुआ स्थान है, जिसे चुनकर पीके ने अपने कदम को ऐतिहासिक संदर्भ और राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है.
तेजस्वी और राहुल की गैरमौजूदगी से विपक्ष में खालीपन
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद 14 नवंबर से तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की सार्वजनिक अनुपस्थिति ने विपक्ष की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस खालीपन को भरने की दिशा में पीके तेजी से आगे बढ़ते दिख रहे हैं, विशेषकर तब जब जन सुराज ने कोई सीट न जीतने के बावजूद लगभग 3.5% वोट हासिल किए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने साफ स्वीकार किया कि उनकी पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षा से कमजोर रहा. 3.34% वोट मिलने के बावजूद एक भी सीट हाथ नहीं लगी और 238 में से 236 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. इसके बावजूद 129 सीटों पर तीसरे स्थान और एक सीट पर दूसरे स्थान पर रहना जन सुराज के लिए एक संकेत माना जा रहा है कि बिहार की जनता ने उनको एक नए विकल्प के रूप में देखना शुरू किया है.
पीके ने दी सरकार को सीधी चुनौती
प्रशांत किशोर ने कहा कि "अगर नीतीश सरकार अपने वादे के मुताबिक डेढ़ करोड़ महिलाओं को दो-दो लाख रुपये दे दे, तो मैं राजनीति जरूर छोड़ दूंगा. अगर वे इस योजना को वाकई लागू कर दें, तो राजनीति तो छोड़ ही दीजिए, मैं बिहार ही छोड़ दूंगा." उन्होंने सरकार को यह वादा पूरा करने के लिए छह महीने का समय दिया है, जिससे स्पष्ट है कि आने वाले महीनों में पीके सरकार की नीतियों पर पैनी नजर रखने वाले प्रमुख विपक्षी नेता के रूप में सक्रिय रहेंगे.





