लीची अनुसंधान केंद्र में सियार की दहशत, गार्ड पर किया हमला
सियार के हमले के बाद अनुुसंधान केंद्र में रह रहे 50 से अधिक परिवार दहशत में आ गए हैं. उधर, आसपास के गांवों में भी लोग दहशत के मारे घरों में कैद हो गए. आलम यह है कि गांव के लोगों की टीम बनाकर 24 घंटे लगातार पहरेदारी कराई जा रही है.

यूपी में भेड़िए की दहशत खत्म भी नहीं हुई कि अब बिहार में सियार की दहशत शुरू हो गई है. मुजफ्फरपुर के लीची अनुसंधान केंद्र में एक सियार ने सुरक्षा गार्ड के ऊपर हमला किया है. कहा जा रहा है कि यह आदमखोर सियार अभी भी अनुसंधार केंद्र के अंदर ही छिपा है. ऐसे में केंद्र के अंदर आवासीय परिसरों में रह रहे वैज्ञानिक और कर्मचारियों के 50 से अधिक परिवार अपने क्वार्टरों में कैद होकर रह गए हैं. वहीं आसपास के गांवों में लोग रोज रात के समय लाठी एवं अन्य हथियार लेकर पहरा दे रहे हैं. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात लीची अनुसंधान केंद्र के गार्ड अवधेश सिंह अपनी ड्यूटी पर थे. इसी दौरान सियार ने उनके ऊपर हमला किया और उनके हाथ को बुरी तरह से नोंच खाया.
संस्थान के डायरेक्टर डॉ. विकास दास के मुताबिक गार्ड को तत्काल पीएचसी मुशहरी में भर्ती कराया गया. पारू गांव के रहने वाले गार्ड अवधेश सिंह के मुताबिक सियार ने उनके दाहिने हाथ में अपने चार पांच दात गड़ा दिए हैं. यह दांत उनके हाथ को बेधते हुए आरपार निकल गए हैं. इससे उनका खून बंद नहीं हो रहा था. पीएयचसी पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने मुश्किल से खून का बहना बंद किया. लेकिन हाथ में दर्द और सूचना की वजह से उन्हें अब बहुत दिक्कत हो रही है. अवधेश सिंह के मुताबिक केंद्र की चारदीवारी काफी मजबूत है. इसमें सियार नहीं घुस सकता. चूंकि पिछले दिनों आसपास की महिलाओं ने घास काटने के लिए बाउंड्रीवॉल में होल कर दिए थे.
कई गांवों में 24 घंटे हो रही है पहरेदारी
अब इसी होल से सियार, कुत्ते एवं अन्य जंगली जानवर अंदर घुस जा रहे है. उधर, इस केंद्र में रह रहे वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के मुताबिक आदमखोर हो चुका यह सियार अब भी केंद्र के अंदर ही घूमते देखा गया है. इस सियार की दहशत में लोग अपने क्वार्टर से भी बाहर नहीं निकल रहे हैं. वार्ड सदस्य मो. वसीम अख्तर शौकी के मुताबिक इस सियार की दहशत नहर के किनारे बसी कालोनियों और गांवों में ज्यादा है. इन सभी गांवों में लोग अब लाठी डंडा लेकर 24 घंटे पहरेदारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने सियारों को झुंड में चलते देखा है. बताया जा रहा है कि एक झुंड में सात से आठ सियार हैं.