Bihar: ईंट-भट्ठों से बाल मजदूरी खत्म करने का मिशन! अब पकड़े गए तो होगी 2 साल की जेल
बिहार सरकार ने ईंट-भट्ठों पर काम कर रहे बच्चों की मुक्ति के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का फैसला लिया है. इस अभियान के तहत बाल मजदूरी कराए जाने पर संबंधित व्यक्ति को दो साल तक की जेल हो सकती है. राज्य में बाल श्रम के मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और बचाए गए बच्चों को पुनर्वास योजनाओं से जोड़ा जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि ईंट-भट्ठों से बाल श्रम पूरी तरह समाप्त किया जाए.

बिहार सरकार ने राज्य में बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करने के उद्देश्य से एक व्यापक अभियान की शुरुआत करने का फैसला लिया है. इसके तहत ईंट-भट्टों पर कार्य कर रहे बाल श्रमिकों की विशेष पहचान कर उन्हें मुक्त कराया जाएगा. सरकार पारंपरिक मेलों और त्योहारों जैसे सोनपुर मेला, श्रावणी मेला और छठ पर्व को माध्यम बनाकर बाल अधिकार, बाल विवाह, शिक्षा और बाल श्रम के खिलाफ जन-जागरूकता का संदेश व्यापक स्तर पर फैलाएगी.
इस दिशा में नुक्कड़ नाटक, लोकगीत, झांकी और पोस्टर प्रदर्शनी जैसे सृजनात्मक तरीकों से समाज को जागरूक किया जाएगा. साथ ही बच्चों को बाल श्रम से छुड़ाने के लिए राज्य स्तर पर विशेष छापेमारी अभियान भी चलाया जाएगा.
राज्यभर में चलेगा पंचायत स्तर तक जन-जागरूकता अभियान
पटना स्थित नियोजन भवन के मंथन सभागार में हुई एक अहम बैठक में बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार की अध्यक्षता में इस अभियान पर विस्तृत चर्चा हुई. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सूचना बूथ, कला और शिल्प प्रदर्शनियों, निजी कहानियों, कार्यशालाओं और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से पंचायत स्तर तक जागरूकता फैलाई जाएगी.
ईंट-भट्टों पर कार्यरत बच्चों के लिए विशेष छापेमारी
आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि बैठक में सहमति बनी कि ईंट-भट्टों और कारखानों में काम कर रहे बच्चों की पहचान कर उन्हें तत्काल मुक्त कराया जाएगा. इसके लिए विशेष छापेमारी अभियान शुरू किया जाएगा. बिहार में बड़ी संख्या में बाल श्रमिकों को पहले ही मुक्त कराया जा चुका है और यह प्रक्रिया लगातार जारी है. सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन बाल मजदूरी को बढ़ावा देता है, जिसे समाप्त करना बेहद जरूरी है.
त्योहारों में जागरूकता स्टॉल होंगे आकर्षण का केंद्र
आगामी मेलों और आयोजनों में बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां जनसामान्य को सरकार की योजनाओं और कानूनों की जानकारी दी जाएगी. साथ ही घरों और अपार्टमेंट्स में हो रहे बाल श्रम की पहचान कर वहां से भी बच्चों को छुड़ाया जाएगा. श्रम विभाग के अधिकारी विद्यालयों में जाकर बच्चों के माता-पिता को बाल श्रम निषेध कानून और सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगे. इस पहल का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है.
बैठक में हुई भावी योजनाओं पर चर्चा
इस महत्वपूर्ण बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार सिंह, सदस्य विधायक श्रेयसी सिंह, विधायक रामविलास कामत, विधान पार्षद विजय सिंह, अनिल कुमार, रविन्द्र प्रसाद सिंह, सुशील कुमार, शौकत अली, श्रमायुक्त और आयोग के सचिव सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. सभी ने बाल श्रम के उन्मूलन को लेकर भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की.