केंद्र का फैसला: क्लास 3 से शुरू होगा AI का पाठ्यक्रम, जा सकती हैं 20 लाख नौकरियां
AI Education: कक्षा 3 सेआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षा शुरू करने के केंद्र के फैसले से रोजगार का फॉर्मेट बदलेगा. 20 लाख नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं. इसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार एआई आधारित जॉब्स क्रिएट करने की योजना पर काम कर रही है. ताकि एआई शिक्षित बच्चे एआई पर आधारित अवसरों का लाभ उठा सकें.

AI Education News India: केंद्र सरकार ने शिक्षा और रोजगार को जोड़ते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब बच्चों को कक्षा 3 से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का पाठ पढ़ाया जाएगा. विशेषज्ञों का अनुमान है कि इससे पारंपरिक नौकरियों पर करीब 20 लाख लोगों का असर पड़ सकता है, जबकि लगभग 80 लाख नई AI और टेक्नोलॉजी से संबंधित नौकरियां तैयार होंगी.
पाठ्यक्रम तैयार करने का काम शुरू
केंद्र ने अगले शैक्षणिक वर्ष (2026-27) से कक्षा 3 से आगे के सभी छात्रों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल करने का फैसला लिया है. शिक्षा मंत्रालय अधिकारियों के अनुसार अगले शैक्षणिक वर्ष (2026-27) से कक्षा 3 से आगे के सभी छात्रों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को शामिल करने की तैयारी करने को कहा गया है. सभी कक्षाओं में AI पाठ्यक्रमों के एकीकरण के लिए जरूरी रूपरेखा विकसित करने का शुरू कर दिया गया है.
स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा, "हमें तेजी से इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है. ताकि अगले दो से तीन वर्षों में छात्र और शिक्षक इस तकनीक से पूरी तरह से जुड़ सकें. चुनौती देश भर के एक करोड़ से ज्यादा शिक्षकों तक पहुंचने और उन्हें AI से संबंधित शिक्षा प्रदान करने के लिए तैयार करने की होगी. CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) सभी कक्षाओं में AI के एकीकरण के लिए रूपरेखा विकसित कर रहा है."
टीचर्स को ट्रेनिंग देने के लिए पायलट योजना तैयार
उन्होंने आगे कहा, "शिक्षकों द्वारा पाठ योजनाएं तैयार करने के लिए एआई उपकरणों का उपयोग करने के लिए एक पायलट परियोजना पहले से ही चल रही है. हमारा उद्देश्य शिक्षार्थी और शिक्षक दोनों को डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करना है."
18000 CBSE स्कूल में एआई शिक्षा की सुविधा
वर्तमान में 18,000 से ज्यादा सीबीएसई स्कूल कक्षा 6 से आगे 15 घंटे के मॉड्यूल के आधार पर एआई को कौशल विषय के रूप में पढ़ाते हैं. जबकि कक्षा 9 से 12 में यह एक वैकल्पिक विषय है.
इस बात का जिक्र शिक्षा सचिव संजय कुमार ने एआई और नौकरियों पर नीति आयोग की एक रिपोर्ट जारी करते हुए की. रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 20 लाख पारंपरिक नौकरियां खत्म हो सकती हैं, लेकिन अगर सही पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जाए तो 80 लाख नई नौकरियां उभर सकती हैं.
सरकार और उद्योग के बीच साझेदारी पर बल
रिपोर्ट में प्रस्तावित भारत एआई प्रतिभा मिशन और वर्तमान भारत एआई मिशन के बीच घनिष्ठ सहयोग के साथ-साथ शिक्षा जगत, सरकार और उद्योग के बीच साझेदारी की भी वकालत की गई है. ताकि प्रशिक्षित प्रतिभाओं को भविष्य के नवप्रवर्तकों और शोधकर्ताओं के रूप में तैयार करने के लिए कंप्यूटिंग अवसंरचना और डेटा उपलब्धता का एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके.
एआई अर्थव्यवस्था में भारत का भविष्य इस दिशा में प्रभावी योजनाओं की गतिशीलता पर निर्भर करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत में समन्वित नेतृत्व के साथ, भारत न केवल अपने कार्य बल की सुरक्षा कर सकता है बल्कि वैश्विक एआई को आकार देने में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है.