बिहार में नॉर्मलाइजेशन पर मामला सेट, लेकिन राजनीतिक दल अब भी क्यों बना रहे मुद्दा?
Normalisation: पिछले महीने उत्तर प्रदेश में भी नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे. आइए यहां जानते हैं कि बिहार में नॉर्मलाइजेशन के इर्द-गिर्द क्या हो रहा है और इसमें राजनीति दल इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं?

Protests against normalisation in Bihar: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) एक फैसले ने बिहार में एक बड़े मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा बनने के लिए तैयार कर दिया है, परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू करने की बात कही गई थी. ऐसे में प्रदर्शन के बाद पिछले सप्ताह BPSC ने ये साफ किया कि 13 दिसंबर को होने वाली उसकी आगामी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा. हालांकि, सरकार के पिछे हटने के बाद भी विपक्ष नॉर्मलाइजेशन को एक हॉट टॉपिक बनाते हुए सरकार को घेरे में खड़ी कर रही है.
RJD नेता तेजस्वी यादव ने रविवार यानी 8 दिसंबर को इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए X पर पोस्ट में कहा कि 'थकी हुई और रिटायर्ड बिहार सरकार सुझाव नहीं लेती है, लेकिन आखिर में युवाओं के साहस के आगे झुकना पड़ता है.' उन्होंने आगे कहा, 'हमारी पार्टी ने 28 नवंबर को राज्य विधानसभा में नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करके सरकार को चेतावनी देने की कोशिश की थी.'
आगामी चुनाव के लिए विपक्ष कर रहा है प्लॉट की तैयारी
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता ने कहा, 'सीएम नीतीश कुमार को नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के साथ समझदारी से पेश आना चाहिए और बीपीएससी को नॉर्मलाइजेशन जैसे गलत काम न करने का निर्देश देना चाहिए.'
बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन गुप्ता ने कहा, 'कांग्रेस नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान उम्मीदवारों पर पुलिस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करती है. प्रतियोगी परीक्षाएं एक पाली, एक प्रश्न पत्र प्रारूप में आयोजित की जानी चाहिए.'
अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे विपक्ष हर तबके को वोट को अपने पाले में करने की तैयारी अभी से कर रहा है. ऐसे में नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन समय रहते सरकार ने अपने फैसले को बदल लिया. हालांकि, इसके बाद भी विपक्ष ने जमकर निशाना साधा, ताकि माहौल सरकार के खिलाफ बना रहे. अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प बताया जा रहा है.
बीजेपी ने किया बचाव
भाजपा प्रवक्ता मनोज शर्मा ने विपक्षी हमले का बचाव करते हुए कहा, 'बीपीएससी की ओर से यह स्पष्ट करने के बाद कि आगामी बीपीएससी पीटी में कोई नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा. इस मामले को शांत कर दिया गया है. अब इस मुद्दे पर जोर देने की कोई जरूरत नहीं है.'
क्या है नॉर्मलाइजेशन?
यदि कोई परीक्षा कई शिफ्टों में आयोजित की जाती है, जिसमें प्रश्नपत्रों का एक ही या अलग-अलग सेट होता है तो यह सुनिश्चित करने के लिए 'नॉर्मलाइजेशन' फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है कि एक शिफ्ट के उम्मीदवारों या आसान प्रश्नपत्रों के सेट का उत्तर देने वालों को अनुचित लाभ न मिले. नॉर्मलाइजेशन के माध्यम से सभी उम्मीदवारों के अंकों को जोड़कर, घटाकर या समायोजित करके बैलेंस्ड बनाया जाता है. NEET-UG और कुछ अन्य बहु-शिफ्ट प्रतियोगी परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन का उपयोग किया गया है.