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Bihar Train Accident: वंदे भारत समेत कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट, पटना-हावड़ा लाइन ठप; जमुई में मालगाड़ी की 19 बोगियां बेपटरी

बिहार के जमुई जिले में झाझा–जसीडीह रेलखंड पर देर रात बड़ा रेल हादसा हुआ, जब सीमेंट से लदी मालगाड़ी बेपटरी होकर पुल से नीचे जा गिरी. करीब 19 डिब्बे पटरी से उतरे, जिनमें से 10 डिब्बे बरुआ नदी पुल से नीचे गिर गए. हादसे के बाद अप और डाउन दोनों लाइन पर रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया. मौके पर Indian Railways की टीमें, आरपीएफ और तकनीकी अधिकारी राहत एवं बहाली कार्य में जुटे हैं. राहत की बात यह रही कि इस दुर्घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, हालांकि ट्रैक को भारी नुकसान पहुंचा है.

Bihar Train Accident: वंदे भारत समेत कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट, पटना-हावड़ा लाइन ठप; जमुई में मालगाड़ी की 19 बोगियां बेपटरी
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( Image Source:  X/@AkashYadav_02 )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 28 Dec 2025 9:05 AM

बिहार के जमुई जिले में देर रात जो हुआ, उसने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए. झाझा–जसीडीह मुख्य रेलखंड पर एक सीमेंट से लदी मालगाड़ी अचानक बेपटरी हो गई और देखते ही देखते कई डिब्बे पुल से नीचे जा गिरे. तेज धमाके की आवाज से आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई और रेल यातायात पूरी तरह ठप हो गया.

इस भीषण हादसे में किसी के हताहत न होने की खबर जरूर राहत देने वाली है, लेकिन जिस तरह पुल से नीचे मालगाड़ी के डिब्बे गिरे, उसने संभावित बड़े खतरे की ओर इशारा कर दिया. एक छोटी सी चूक अगर यात्रियों से भरी ट्रेन के साथ होती, तो परिणाम भयावह हो सकते थे. अब इसके चलते दिल्ली-पटना-हावड़ा रुट ठप पड़ गया है. वंदे भारत समेत कोलकाता की तरफ जाने वाली कई ट्रेनों का रुट डाइवर्ट किया गया है.

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कहां और कब हुआ हादसा?

यह दुर्घटना जमुई जिले के सिमुलतला से सटे टेलवा हॉल्ट के पास बरुआ नदी पुल पर हुई. रात करीब साढ़े 11 बजे जसीडीह से झाझा की ओर जा रही सीमेंट लदी मालगाड़ी अचानक बेपटरी हो गई. हादसा आसनसोल रेल मंडल के अंतर्गत पुल संख्या 676 के पास हुआ.

कितने डिब्बे पटरी से उतरे

सूत्रों के मुताबिक मालगाड़ी के करीब 19 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिनमें से लगभग 10 डिब्बे सीधे पुल से नीचे नदी की ओर जा गिरे. कुछ डिब्बे पुल पर ही पलट गए, जिससे संरचना को भी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है.

तेज आवाज और अफरातफरी

हादसे के वक्त इतनी तेज आवाज हुई कि आसपास के गांवों के लोग घरों से बाहर निकल आए. कई लोगों को पहले तो समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ, लेकिन पुल के नीचे गिरे डिब्बों और उड़ती सीमेंट की धूल ने पूरे इलाके को दहला दिया.

सीमेंट बिखरा, ट्रैक हुआ तबाह

मालगाड़ी में लदी भारी मात्रा में सीमेंट पुल और पटरी के आसपास फैल गई. डिब्बों के गिरने से रेल लाइन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे अप और डाउन दोनों लाइन पूरी तरह बाधित हो गईं. किउल–जसीडीह रेलखंड पर ट्रेनों की आवाजाही रोकनी पड़ी.

यातायात पर बड़ा असर

हादसे के बाद कई यात्री और मालगाड़ियां अलग-अलग स्टेशनों पर रोक दी गईं. कुछ ट्रेनों को डायवर्ट किया गया, जबकि कई को रद्द करना पड़ा. यात्रियों को पूरी रात स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा, जिससे भारी असुविधा हुई.

प्रशासन अलर्ट, राहत कार्य शुरू

घटना की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया. रेल पुलिस, आरपीएफ और तकनीकी टीम मौके पर पहुंची. झाझा और जसीडीह से विशेष ट्रेनें और भारी क्रेन मंगाई गईं, ताकि गिरे डिब्बों को हटाकर ट्रैक साफ किया जा सके.सबसे बड़ी राहत यह रही कि इस हादसे में किसी के घायल या हताहत होने की खबर नहीं है. हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यही दुर्घटना किसी यात्री ट्रेन के साथ होती, तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी.

जांच शुरू, कारणों पर सस्पेंस

फिलहाल रेलवे अधिकारी हादसे के कारणों की जांच कर रहे हैं. शुरुआती तौर पर तकनीकी खराबी या ट्रैक में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है. रेलवे का कहना है कि मरम्मत और जांच पूरी होने के बाद ही ट्रेनों का परिचालन दोबारा शुरू किया जाएगा.

बिहाररेलवे
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