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Bihar Land Survey: अरे भाई! जमीन का पेपर फट गया या खा गई दीमक, तो अब करें तो करें क्या?

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन के मामले काफी विवादित हैं. इस लेकर कई मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. ऐसे में बिहार में हो रहा जमीन सर्वे इन विवादों को खत्म करने का काम करेगी.

Bihar Land Survey: अरे भाई! जमीन का पेपर फट गया या खा गई दीमक, तो अब करें तो करें क्या?
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Bihar Land Survey
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 28 Nov 2024 2:40 PM IST

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन के सर्वे का काम तेजी से हो रहा है. ऐसे में लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे लेकर उनके मन में कई सवाल आते हैं. ऐसा ही एक सवाल है कि अगर किसी के जमीन के कागजात का पन्ना किसी वजह से फट जाता है या फिर उसे दीमक खा गया हो, तो आखिर लोगों के पास विकल्प क्या होगा? क्या वो अब जमीन का दावा नहीं कर पाएंगे. इन सभी सवालों का जवाब खुद बिहार में राजस्व और भूमी सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने विधानपरिषद में दिया है.

विधानपरिषद में MLC संजय कुमार सिंह ने सवाल किया कि रैयतों को लेकर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जमीन का खतियान भी काफी पुराना है, ऐसे में कागज के कई हिस्से बर्बाद हो चुके हैं. इसके जवाब में दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार भर के 47 लाख से अधिक परिवारों ने खुद ही जमीन के कागजात विभाग को दिया है. इसे लेकर पन्ना फटने या दीमक चाटने जैसे हालात के लिए 15 तरीके बताए गए हैं, जिससे उनकी समस्या का समाधान हो पाएगा.

ओडिशा और बंगाल में हो चुका है असर

दिलीप जायसवाल ने आगे कहा कि जब बिहार की एक-एक जनता को जमीन के पेपर नहीं मिल जाते हैं, तब तक परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में जमीन विवाद का मामला भी सर्वे होने के बाद सुलझ जाएगा, इसलिए इसका होना बेहद जरूरी था. ये सर्वे आजादी के बाद पहली बार हो रहा है. इसके अलावा ओडिशा और बंगाल में ये सर्वे पहले ही करवा लिया गया है.

बिना खतियान के करा सकेंगे सर्वे

बिहार में जिन लोगों के पास खतियान नहीं है. उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वो सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, 20 प्रतिशत आवेदन दस्तावेज का कागज फटे होने या खोज नहीं पाने के कारण आवेदनों को रिजेक्ट करना पड़ रहा है. इस वजह से भी रैयतों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इन सभी कारणों को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि बिना खतियान सर्वे कराने की छूट दी जाएगी, यानी कि सर्वे में अब खतियान दिखाने की जरूरत नहीं है. हालांकि, अगर है तो दिखाने से काम आसान हो जाता है.

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