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बिहार के गुदड़ी के लाल: ऑटो ड्राइवर, किसान और दुकानदार की बेटियों ने किया कमाल; लड़के भी नहीं पीछे

बिहार बोर्ड (BSEB) 12वीं रिजल्ट 2025 में छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन किया. साइंस में प्रिया जायसवाल, कॉमर्स में रोशनी और अंतरा खुशी ने टॉप किया. कठिनाइयों के बावजूद इन छात्राओं ने सफलता हासिल कर परिवार और राज्य को गर्व महसूस कराया. यह उपलब्धि लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बनी.

बिहार के गुदड़ी के लाल: ऑटो ड्राइवर, किसान और दुकानदार की बेटियों ने किया कमाल; लड़के भी नहीं पीछे
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 26 March 2025 11:25 AM

बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (BSEB) ने 25 मार्च को 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित किया, जिसमें एक बार फिर बेटियों ने सफलता का परचम लहराया. कुल 86.56% छात्र-छात्राएं परीक्षा में सफल रहे और सबसे खास बात यह रही कि तीनों स्ट्रीम्स – साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स में लड़कियों ने टॉप किया. इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवारों बल्कि पूरे राज्य को गर्व से भर दिया है. इसके अलावा छात्र भी टॉप कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है.

साइंस स्ट्रीम में बगहा की रहने वाली प्रिया जायसवाल ने 94.8% (484 अंक) के साथ टॉप किया है. बगहा, जो कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता था, वहां से निकलकर प्रिया ने यह मुकाम हासिल किया है. उनके पिता ने बताया कि प्रिया का सपना मेडिकल क्षेत्र में जाने का है और वे हर संभव प्रयास करेंगे कि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. बिहार बोर्ड से मिले लैपटॉप ने उनकी पढ़ाई में अहम भूमिका निभाई.

ऑटो ड्राइवर की बेटी ने नाम किया रोशन

कॉमर्स स्ट्रीम में हाजीपुर की रोशनी ने टॉप किया है. उनके पिता एक ऑटो ड्राइवर हैं, और आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने पढ़ाई जारी रखी. रोशनी ने कहा कि उनकी माँ ने हर कदम पर उनका साथ दिया और उन्होंने रात भर जागकर पढ़ाई की. इसी मेहनत के दम पर उन्हें यह सफलता मिली, जिससे उन्होंने अपने माता-पिता का सपना पूरा किया.

अंतरा खुशी ने की थी 6-8 घंटे की पढ़ाई

कॉमर्स में दूसरा स्थान औरंगाबाद की अंतरा खुशी ने प्राप्त किया है. उनके पिता पतंजलि की दुकान चलाते हैं. अंतरा ने कहा कि गांव और शहर में कोई फर्क नहीं पड़ता, मेहनत और सही मार्गदर्शन से हर कोई सफल हो सकता है. उन्होंने नियमित रूप से 6-8 घंटे पढ़ाई की और परीक्षा के अंतिम महीनों में 10-12 घंटे की मेहनत कर यह सफलता हासिल की.

यूट्यूब से की पढ़ाई

मोतिहारी की तनु कुमारी ने कला संकाय में टॉप फाइव में जगह बनाकर जिले का नाम रोशन किया है. घोड़ासहन प्रखंड के बगही भेलवा गांव की रहने वाली तनु ने 93.6% अंक (468 अंक) प्राप्त किए हैं. किसान पिता और गृहिणी मां की बेटी तनु ने बिना किसी ट्यूशन के सेल्फ स्टडी और यूट्यूब की मदद से यह सफलता हासिल की, जिससे पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है.

पढ़ाई के बीच नहीं आया पैसा

बिहार के बेगूसराय की रुकैया फातिमा ने अपनी मेहनत और लगन से परिवार का नाम रोशन किया है. उन्होंने कला संकाय में पूरे बिहार में दूसरा स्थान हासिल किया है, जिससे उनके स्कूल और इलाके में खुशी की लहर है. रुकैया के पिता कोलकाता में किराना की दुकान चलाते हैं, लेकिन आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी. उनकी यह उपलब्धि संघर्ष और दृढ़ संकल्प का उदाहरण है.

आकाश के पिता हैं सिक्योरिटी गार्ड

अरवल जिले के आकाश कुमार ने बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए साइंस स्ट्रीम और ओवरऑल दोनों में सेकेंड टॉपर का स्थान हासिल किया. आकाश ने कुल 480 अंक यानी 96% प्राप्त किए, जिससे उनके परिवार और पूरे जिले में खुशी की लहर दौड़ गई. उनके पिता सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं, बावजूद इसके उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया. आकाश की सफलता ने यह साबित कर दिया कि आर्थिक कठिनाइयां भी सच्ची मेहनत और दृढ़ संकल्प के आगे मायने नहीं रखतीं.

पायलट बनना चाहता है अतुल

कैमूर जिले के एस.वी.पी. कॉलेज, भभुआ के छात्र अतुल कुमार मौर्य ने साइंस स्ट्रीम में 476 अंक प्राप्त कर राज्य में पांचवां स्थान हासिल किया. पढ़ाई में अव्वल रहने वाले अतुल का सपना पायलट बनने का है, और इस सफलता ने उनके सपने को एक नई उड़ान दी है. उन्होंने बताया कि कड़ी मेहनत, नियमित पढ़ाई और शिक्षकों के मार्गदर्शन से उन्होंने यह मुकाम पाया है. उनकी सफलता से न केवल उनके माता-पिता बल्कि पूरे स्कूल को गर्व महसूस हो रहा है.

आईआईटी इंजीनियर बनना चाहता है अंकित

अंकित कुमार, जिसने बिहार बोर्ड इंटर साइंस परीक्षा में 476 अंक प्राप्त कर रैंक 5 हासिल किया. वह आईआईटी इंजीनियर बनने का सपना देखता है. अंकित के पिता मोहन कुमार झा किसान हैं और उनकी माता हीरा कुमारी गृहिणी हैं. साधारण परिवार से आने वाले अंकित ने अपनी मेहनत और समर्पण से यह सफलता अर्जित की. उसने नियमित रूप से 8-10 घंटे की पढ़ाई की और कठिन विषयों को बार-बार दोहराकर अपनी तैयारी को मजबूत किया. उनका मानना है कि सही मार्गदर्शन और निरंतर प्रयास से कोई भी छात्र बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकता है.

86.56% छात्र-छात्राएं हुए पास

इस साल इंटर परीक्षा में 86.56% छात्र-छात्राएं पास हुए, जो पिछले साल के 87.21% की तुलना में मामूली गिरावट है. परीक्षा 1 जनवरी से 15 फरवरी 2025 के बीच आयोजित की गई थी, जिसमें 12,801 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. हर साल की तरह इस बार भी बिहार बोर्ड ने पूरे देश में सबसे पहले 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया. बेटियों की यह शानदार सफलता दिखाती है कि वे किसी से कम नहीं हैं और उनकी मेहनत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी.

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