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Nitish Kumar के लिए उठी भारत रत्न की मांग! JDU ने बताया- 'राजनीति का चाणक्य', जानिए सुशासन बाबू कितने हैं इसके हकदार?

राजधानी पटना की सड़कों पर सीएम नीतीश कुमार के पोस्टर लगाए गए हैं. ये पोस्टर अलग-अलग चौक चौहारों पर लगाए गए हैं. पोस्टर में उनकी तस्वीर के साथ उन्हें प्रख्यात समाजवादी बिहार के विकास पुरुष बताया गया है. आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न दिया जाए. यह पोस्टर जेडीयू के प्रदेश महासचिव छोटू सिंह ने लगाए हैं.

Nitish Kumar के लिए उठी भारत रत्न की मांग! JDU ने बताया- राजनीति का चाणक्य, जानिए सुशासन बाबू कितने हैं इसके हकदार?
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Credit- ANI
निशा श्रीवास्तव
By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 5 Oct 2024 2:01 PM IST

CM Nitish Kumar: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपनी ताकत लगा रहे हैं. शनिवार यानी आज पार्टी की राज्य कार्यकारिणी बैठक बुलाई गई है.

बैठक की अध्यक्षता सीएम नीतीश कुमार करने वाले हैं. इसमें विधानसभा चुनाव की रणनीतियों पर मंथन किया जाएगा. इससे पहले बिहार में एक नई मांग हो गई है. दरअसल बिहार में नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग हो रही है.

नीतीश के लिए लगे पोस्टर

राजधानी पटना की सड़कों पर सीएम नीतीश कुमार के पोस्टर लगाए गए हैं. ये पोस्टर अलग-अलग चौक चौहारों पर लगाए गए हैं. पोस्टर में उनकी तस्वीर के साथ उन्हें प्रख्यात समाजवादी बिहार के विकास पुरुष बताया गया है. आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न दिया जाए. यह पोस्टर जेडीयू के प्रदेश महासचिव छोटू सिंह ने लगाए हैं.

पहले भी लगाए गए थे पोस्टर

इससे पहले जून में भी नीतीश कुमार के लिए पोस्टर लगाए गए थे. पोस्टर में नीतीश की फोटो के साथ 'टाइगर जिंदा' है लिखा हुआ था. पार्टी ने कहा था कि नीतीश कुमार के प्रभाव के कारण एनडीए ने लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है. एनडीए के दोनों सहयोगियों को बीजेपी और जदयू को बिहार में 12-12 सीटें मिली थी.

9वीं बार बने मुख्यमंत्री

नीतीश कुमार ने 28 जनवरी, 2024 को महागठबंधन की सरकार से इस्तीफा दिया था. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया. नीतीश ने 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इससे उन्होंने मार्च 2000 में सत्ता में आए थे. इस दौरान उनकी सात दिन की सरकार चली और बहुमत साबित न कर पाने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा.

कब-कब बने मुख्यमंत्री

नीतीश कुमार ने 2005 में लालू यादव के जंगलराज का मुद्दा बनाया और एनडीए के साथ मिल गए. वह चुनाव में जीत के बाद दूसरी बार सीएम बने. फिर 2010 में एनडीए सहयोग से तीसरी बार सीएम बने. लेकिन एनडीए सरकार अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाई. इसके बाद 2013 में बीजेपी ने 2014 में पीएम मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने से नाराज हो गए और बीजेपी ने रिश्ता तोड़ दिया.

आरजेडी और कांग्रेस से गठबंधन

2015 में नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस से गठबंधन किया. चुनाव में जीत मिली और पांचवी बार सीएम बने. 2017 में नीतीश ने तेजस्वी यादन से रिश्ता तोड़ बीजेपी के दोस्त बने गए और छठी बार सीएम बने. 2020 में जेडीयू ने एनडीए साथ रही और नीतीश कुमार सातवीं बार सीएम बने. इसके बाद 2022 में दोनों में मनमुटाव हुआ और गठबंधन टूट गया. नीतीश फिर राजद के साथ मिल गए और 8वीं बार मुख्यमंत्री बने. यह सरकार करीब ढेह साल रही. अब नीतीश बीजेपी से वापस मिलकर सरकार बनाई है और 9वीं बार सीएम पद को संभाल रहे हैं.

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