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BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज, क्या बोले प्रशांत किशोर? पढ़ें लेटेस्ट अपडेट्स

बिहार में अभी भी अपनी मांगों को लेकर BPSC के छात्र अड़े हुए हैं. रविवार को पटना के गांधी मैदान में पहुंचे अभ्यर्थियों ने जमकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके साथ प्रशांत किशोर भी मौजूद रहे. हालांकि एक बार फिर से छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ.

BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज, क्या बोले प्रशांत किशोर? पढ़ें लेटेस्ट अपडेट्स
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Published on: 29 Dec 2024 7:56 PM

बिहार में BPSC परीक्षा को रद्द कराने की मांगों को लेकर अड़े छात्रों पर एक बार फिर लाठीचार्ज हुआ. दरअसल अपनी मांगों के लेकर अड़े छात्रों ने पटना के गांधी मैदान में विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में उनके साथ जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर भी शामिल रहे. वहीं छात्रों के प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों को मैदान से हटाने की कोशिश में पुलिस ने लाठी चार्ज की.

दरअसल प्रदर्शन के कार्यक्रम के लिए छात्रों द्वारा अनुमति मांगी गई थी. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई अनुमति नहीं दी गई. इसके बावजूद भी छात्रों ने प्रदर्शन किया और गांधी की प्रतीमा के नीचे बैठकर जमकर नारेबाजी की. देखते ही देखते कई छात्र मौके पर पहुंचे और पुलिस भी मौके पर पहुंची. वहीं इस मामले पर DSP प्रकाश शर्मा ने भी मीडिया से बातचीत की और कहा कि छात्रों को इसकी परमिशन नहीं थी. लेकिन फिर भी प्रदर्शन हुआ जो नियमों के खिलाफ है. यहां पर इकट्ठा होना कानून के खिलाफ है. मामले में FIR होगी. वहीं प्रदर्शन में शामिल प्रशांत किशोर की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.

हमारी बात हुई और आश्वासन दिया गया

प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार के प्रशासनिक अधिकारी यहां मौजूद थे,उन्होंने हमसे बात की है और आश्वासन दिया है कि सरकार अभ्यर्थियों की मांगों पर चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार का कहना है कि छात्रों की 5 सदस्यीय कमेटी अभी मुख्य सचिव से बात करेगी ताकि उनकी समस्याओं और मांगों पर कुछ निर्णय लिया जा सके.

सभी करेंगे एक साथ बैठक

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर मुख्य सचिव से बात करने के बाद BPSC अभ्यर्थी संतुष्ट नहीं होते हैं तो कल सुबह सभी एक साथ बैठेंगे. मैं छात्रों से अनुरोध करूंगा कि अभी ऐसा कुछ न करें जो कानून सम्मत न हो. अगर फैसला छात्रों के पक्ष में नहीं होता है, अगर छात्रों के साथ कोई अन्याय होता है तो हम पूरी ताकत से उनके साथ खड़े रहेंगे." वहीं इस दौरान पीके ने प्रशासन पर सवाल उठाया और कहा कि गांधी मैदान सरकार का नहीं है, रात एक बजे इन्होंने हमें कहा कि परमिशन नहीं है. लेकिन मेला लगाने, मंत्रियों के फीता काटने की फुल परमिशन है. उन्होंने कहा कि हम आंदोलन करने की अनुमति मांगते हैं तो कहते हैं परमिशन नहीं है.

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