बिहार चुनाव 2025 में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग! पहले चरण में 121 सीटों पर 64.66 फीसदी मतदान, महिलाओं में दिखा जबरदस्त उत्साह
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर रिकॉर्ड 64.66 फीसदी मतदान हुआ, जो राज्य के इतिहास में सबसे अधिक है. मतदान शांतिपूर्ण रहा और सभी केंद्रों पर वेबकास्टिंग की गई. छह देशों के प्रतिनिधियों ने प्रक्रिया की सराहना की. चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार तकनीकी खामियां बेहद कम रहीं.
Bihar Election 2025 First Phase Voting Turnout : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ. चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है.
सुबह 7 बजे शुरू हुई वोटिंग शाम 6 बजे तक चली. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार का मतदान 'लोकतंत्र का पर्व और बिहार का गर्व' बन गया है. उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने ऐतिहासिक भागीदारी दिखाते हुए बिहार में चुनावी प्रक्रिया को नई ऊंचाई दी है.
बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा वोटिंग
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार का मतदान साल 2000 के चुनाव की तुलना में 62% अधिक रहा. पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में जहां 57% वोटिंग हुई थी, वहीं इस बार का प्रतिशत 64.66 तक पहुंचा. आयोग का कहना है कि यह अब तक का रिकॉर्ड तोड़ मतदान है और आने वाले चरणों में भी मतदाताओं से इसी उत्साह की उम्मीद है.
पूरी प्रक्रिया पर रखी गई सख्त निगरानी
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने पूरे मतदान की लाइव वेबकास्टिंग के जरिए निगरानी की. इस बार बिहार में 100% मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की गई — जो एक ऐतिहासिक कदम है. सीईसी ने नियंत्रण कक्ष से डीईओ और पीठासीन अधिकारियों से सीधा संवाद कर यह सुनिश्चित किया कि मतदान स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी और निर्भय वातावरण में संपन्न हो.
विदेशी प्रतिनिधियों ने भी की चुनाव प्रक्रिया की सराहना
बिहार में पहली बार अंतरराष्ट्रीय चुनाव आगंतुक कार्यक्रम (IEVP) के तहत 6 देशों, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, बेल्जियम और कोलंबिया, से आए 16 प्रतिनिधियों ने मतदान प्रक्रिया का अवलोकन किया. उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव 'दुनिया के सबसे सुव्यवस्थित और पारदर्शी चुनावों' में से एक है.
पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान
पहले चरण में बिहार के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए। इन क्षेत्रों में 3.75 करोड़ से अधिक मतदाता थे. चुनाव के लिए 1,314 उम्मीदवार मैदान में थे. मतदान केंद्रों पर 67,900 से अधिक एजेंटों की मौजूदगी में सुबह 7 बजे से पहले मॉक पोल पूरे कर लिए गए, जिसके बाद सभी 45,341 मतदान केंद्रों पर समय पर मतदान शुरू हुआ.
महिला मतदाताओं की भूमिका और सुरक्षा प्रबंधन
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद गुनज्याल ने बताया कि इस बार महिला मतदाताओं की भागीदारी बेहद उत्साहजनक रही. सुरक्षा और सहयोग के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक CAPF कर्मी के साथ 90,000 से अधिक जीविका दीदी और महिला स्वयंसेवक तैनात की गईं. दिव्यांग मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर, ई-रिक्शा सेवा और स्वयंसेवकों की मदद सुनिश्चित की गई. मतदान के बाद सभी पीठासीन अधिकारियों ने रीयल-टाइम डेटा अपडेट कर मतदान के अनुमानित रुझानों को समय पर सार्वजनिक किया.
तकनीकी प्रबंधन और पारदर्शिता
मतदान के दौरान 165 बैलेट यूनिट, 169 कंट्रोल यूनिट और 480 वीवीपैट मशीनें बदली गईं. गुनज्याल ने बताया कि इस बार सिर्फ 1.21% मशीनें बदली गईं, जो 2020 के 1.87% के मुकाबले काफी कम है. इससे स्पष्ट होता है कि तकनीकी दक्षता और उपकरण प्रबंधन में इस बार सुधार हुआ है.
शिकायतें और बहिष्कार की खबरें
मतदान के दौरान कुल 143 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिन्हें समय पर सुलझा लिया गया. कुछ मतदान केंद्रों से बहिष्कार की सूचना भी मिली, जैसे बक्सर के ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र का बूथ नंबर 56, फतुहा के बूथ नंबर 165 और 166, और लखीसराय के सूर्यगढ़ा के बूथ नंबर 1, 2 और 5... हालांकि, कहीं से कोई अप्रिय या हिंसक घटना नहीं हुई और पूरा मतदान शांतिपूर्ण रहा.
नई सुविधाओं से मतदाता खुश
चुनाव आयोग ने इस बार कई मतदाता-हितैषी पहलें कीं- ईवीएम पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें, मोबाइल जमा सुविधा, नए डिजाइन की मतदाता सूचना पर्चियां (VIS) और प्रति केंद्र केवल 1,200 मतदाताओं की व्यवस्था, ताकि भीड़भाड़ कम हो सके. इन सुधारों की वजह से मतदान प्रक्रिया और भी सहज और पारदर्शी बनी.





