RTI के नाम पर उगाही करने वाले दुलाल बोरा को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा
असम के सोनारी में बीजेपी नेता देबजीत हजारिका की आत्महत्या के बाद फरार चल रहे मुख्य आरोपी दुलाल बोरा को दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड में दिल्ली से असम लाया गया था। अब असम की अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड में भेजा है।

असम के सोनारी में बीजेपी नेता देबजीत हजारिका की आत्महत्या के बाद फरार चल रहे मुख्य आरोपी दुलाल बोरा को दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड में दिल्ली से असम लाया गया था। अब असम की अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड में भेजा है।
बता दें, बीजेपी नेता देबजीत हजारिका की आत्महत्या के बाद काफी बवाल मच रहा है। मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को आकर बयान देना पड़ा। उन्होंने कहा कि दुलाल बोरा को लेकर कैबिनेट में फैसला लिया जाएगा। और दुलाल बोरा को अपराधी माना जाएगा।
सुसाइड नोट में नाम आने के बाद आरोपी दुलाल बोरा पुलिस से बच रहा था। दो बार नोटिस जवाब नहीं मिलने पर भी पुलिस ने खोजबीन जारी रखा। आख़िरकार दुलाल बोरा को दिल्ली के कालरा अस्पताल से गिरफ्तार किया गया। बोरा ने खुद को बीमार बताकर अस्पताल में भर्ती कराया था। उसे कार्रवाई के लिए कीर्ति नगर पुलिस स्टेशन में रखा गया था।
सूत्रों ने बताया था कि दुलाल बोरा असम से भागकर दिल्ली आ सकता है क्योंकि उसकी बेटी वहां पढ़ रही है। गिरफ़्तारी के बाद दुलाल को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली से गुवाहाटी लाया गया। गुवाहाटी से सीधे वह सोनारी पुलिस स्टेशन में पहुंचा था। शुक्रवार को मेडिकल जांच के बाद उसे जिला अदालत में पेश किया गया और सोनारी पुलिस ने आठ दिन की रिमांड मांगी। अदालत ने दुलाल बोरा को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
दुलाल के अकाउंट में है 4 करोड़ रुपये
CID की रिपोर्ट में दुलाल के कई बड़े खुलासे सामने आए हैं। दुलाल बोरा के नाम पर गुवाहाटी में 7 बैंक अकाउंट है। इन अकाउंट में करीब 4 करोड़ रुपये जमा हैं। वहीं, उनकी पत्नी बर्णाली दत्त के 5 बैंक अकाउंट में लगभग 60 लाख रुपये जमा है। बर्णाली ICDS की सुपरवाइजर हैं और एक कॉन्ट्रैक्टिंग फॉर्म की मालिक भी हैं। वह समाज कल्याण विभाग के लिए कॉन्ट्रैक्टिंग फॉर्म के जरिए ठेका लेती हैं।
बीजेपी नेता ने क्यों की आत्महत्या?
बीजेपी नेता देबजीत हजारिका ने दुलाल बोरा के NE BHARAT24 नामक न्यूज़ पोर्टल में कुछ समाचार रिपोर्टों के चलने के बाद यह कदम उठाया था। परिवार के लोगों का आरोप था कि बीजेपी नेता के खिलाफ भ्रामक खबर चलाई गई जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया था।