बाढ़ से लेकर घुसपैठियों की पहचान तक, असम की ASSAMSAT सैटेलाइट ऐसे करेगी काम
ASSAMSAT के जरिए क्रिटिकल-सोशल इकोनॉमिक प्रोजेक्ट्स के डेटा को इंप्लीमेंट किया जाएगा. साथ ही, इससे कृषि, डिजास्टर मैनेजमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, सिक्योरिटी बॉर्डर मैनेजमेंट और पुलिस ऑपरेशन लगातार फ्लो को सुनिश्चित करने में मदद करेगा.

असम ने इस बार अपने बजट में ASSAMSAT सैटेलाइट लॉन्च के बारे में बात की थी. अब हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार इस प्रोजेक्ट पर काम करने जा रही है, क्योंकि हाल ही में मुख्य मंत्री ने इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन से मुलाकात की.
इस बैठक में उन्होंने राज्य के असम के महत्वाकांक्षी स्पेस एजेंडे के बारे में बात की. असम सरकार इसरो की मदद से पहला सैटलाइट लॉन्च करेगी. ASSAMSAT इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर के साथ मिलकर सैटलाइट लॉन्च करेगा. इस बारे में असम सरकार ने अपने बजट में बात कही थी. चलिए जानते हैं इसकी खासियत.
क्या है ASSAMSATय़
यह लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट होगी, जो असम के सबसे पास और रेगुलर कवरेज देने का काम करेंगे. इस सैटलाइट के जरिए राज्य सरकार बाढ़, पॉलिसी प्लानिंग और घुसपैठियों से लड़ने में मदद करेगा. जल्द ही सरकार इसरो के साथ एमओयू साइन करेगी.
सैटेलाइट की खासियत
- ASSAMSAT के जरिए क्रिटिकल-सोशल इकोनॉमिक प्रोजेक्ट्स के डेटा को इंप्लीमेंट किया जाएगा. साथ ही, इससे कृषि, डिजास्टर मैनेजमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, सिक्योरिटी बॉर्डर मैनेजमेंट और पुलिस ऑपरेशन लगातार फ्लो को सुनिश्चित करने में मदद करेगा.
- इसके अलावा, इस सैटेलाइट के चलते ब्रह्मपुत्र नदी के लिए समय पर मौसम अपडेट और बाढ़ पूर्वानुमान असम के किसानों के लिए फायदेमंद होगा.
- हिमंत बिस्वा सरमा ने उमरंगसो में जनवरी 2025 में हुई कोयला खदान दुर्घटना का हवाला देते हुए कहा था कि ' असमसैट डेटा के लिए विदेशी सैटेलाइट पर निर्भरता नहीं रहेगी बल्कि यह वास्तविक समय की सैटेलाइट इमेज तक तत्काल पहुंच सुनिश्चित करेगा.
450-500 करोड़ होगी लागत
असमसैट के बारे में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि इस सैटेलाइट की लागत 450 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये के बीच होने की उम्मीद है.