भारत के लिए चिंता बन सकती है बांग्लादेश में आतंकियों की रिहाई! असम में हाई अलर्ट पर BSF और जांच एजेंसियां
असम में बांग्लादेशी आंतकवादियों की रिहाई के बाद BSF और जांच एजेंसियां एजेंसियां हाई अलर्ट पर है. इसी कड़ी में सुरक्षा एजेंसी और पुलिस बलों को उग्रवादियों को भारत में घुसने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं.

बांग्लादेश में सत्ता पलटने और नई सरकार आने के बाद से ही स्थिति तनावपूर्ण है. इस बीच इस्लामी आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के वरिष्ठ नेताओं के खुलेआम सामने आने से असम और पश्चिम बंगाल के लिए सुरक्षा खतरा कई गुना बढ़ गया है. साथ ही सुरक्षा एजेंसी और पुलिस बलों को उग्रवादियों को भारत में घुसने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं.
आपको बता दें कि ABT अलकायदा भारतीय उप महा द्वीप (एक्यूआईएस) का एक हिस्सा है. इस संगठन का प्रमुख जसीम उद्दीन रहमानी है. शेख हसीना की सत्ता में जेल में डाल दिया गया था. हालांकि अब वह जेल से बाहर है. इस बीच जसीस उद्दीन ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए भारत को चेतावनी दी है.
भारत को विभाजीत करने की दी चेतावनी
दरअसल एक वीडियो संदेश में जसीस उद्दीन ने वीडियो संदेश जारी किया और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर हमला बोला और भारत को उनसे दूर रहने की चेतावनी दी है. एबीटी नेता ने कहा कि अगर भारत फिर भी ऐसा करता है तो पूर्वोत्तर भारत को और देश के बाकी हिस्सों को जोड़ने वाले चिकन नेक कॉरिडोर को चीन की मदद से बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ कोई विवाद नहीं चाहते लेकिन अगर भारत हमें चुनौती देता है तो हम भारत को विभाजित कर देंगे.
हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसिायां
वहीं इस बीच पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर है. ऐसा इसलिए क्योंकी पूर्व में भी जेएमबी और एबीटी जैसे आतंकवादी संगठनों ने असम पर अपने पैठ जमाने की कोशिश की थी. लेकिन उस दौरान उनका प्रयास सफल नहीं हुआ था. आपको बता दें कि साल 2023 में ABT और JMB के 60 से भी अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन उस दौरान बांग्लादेश ने भारत सुरक्षा एजेंसियों की मदद की थी. हालांकि शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद स्थिति वैसी नहीं है.
दरअसल बांग्लादेश में भारत के विरोध में बयानबाजी काफी तेज हो चुकी है. आतंकवादियों को जेल से रिहा किया जा रहा है. आतंकवादी खुलेआम सड़कों पर घूम रहे हैं. आईएसआई भी इस अशांति का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है और इन परिस्थितियों में असम और पूर्वोत्तर के लिए खतरा बढ़ गया है.