असम में शांति रहेगी तो ही राज्य प्रगति करेगा, सीएम सरमा ने ULFA-I प्रमुख से की शांति की अपील
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को उल्फा-आई के प्रमुख परेश बरुआ से शांति स्थापित करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि राज्य में आगामी 10 सालों में शक्तिशाली राज्य बनने की ओर अग्रसर है. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि इससे पहले राज्य आंदोलन, बाढ़ और उग्रवाद के लिए असम जाना जाता था.

असमः असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को उल्फा-आई के प्रमुख परेश बरुआ से शांति स्थापित करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि राज्य में आगामी 10 सालों में शक्तिशाली राज्य बनने की ओर अग्रसर है. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि इससे पहले राज्य आंदोलन, बाढ़ और उग्रवाद के लिए असम जाना जाता था. इस पर सीएम बोले कि अब ऐसा नहीं है अब देश के सबसे तेजी से बढ़ते और निवेश के अनुकूल राज्यों में इसकी गिनती की जाती है.
वहीं सीएम ने 15 अगस्त के दौरान गुवहाटी सहित कई स्थानों पर 15 अगस्त के दौरान बम लगाने की भी कड़ी निंदा की है. हालांकि कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इसका जिम्मेदार भी उल्फा-आई को ठहराया है. और समूह के नेता परेश बरुआ से अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया है.
10 सालों में असम बन जाएगा ताकतवर राज्य
CM सरमा ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 10 सालों में असम भारतीय परिदृश्य में एक ताकवर राज्य बन कर उभरेगा.इस दौरान उन्होंने उल्फा- आई के प्रमुख से यह अपील करते हुए कहा कि 'मैं उल्फा-आई प्रमुख परेश बरुआ से अपील करना चाहूंगा कि वे ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों जो हमारे युवाओं या फिर राज्य के भविष्य को आंच या फिर खतरे में डाल सकती है.
लोकतंत्र में हो सकता मतभेद
कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र के अंदर मतभेद की अनुमति हो सकती है. लेकिन इन्हें हिंसा के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी मात्रभूमि को सुनिश्चिक करना होगा कोई भी राज्य अपने घर में संकट पैदा करके समृद्ध नहीं हो सकता.
हम हर राज्य में जा सकते हैं
इस दौरान सीएम ने गैर असमिया समुदाय पर भी निशाना साधने को लेकर भी कड़ी चिंता व्यक्त की और कहा कि हम लोगो को यह समझने की सख्त जरुरत है कि कई जरुरी और प्रतिभाशाली असमिया युवा अपनी आजिविका कमाने अन्य राज्यों में जाते हैं. उन्होंने कहा कि मैं ऐसा करने से उन्हें रोक नहीं बल्कि प्रोत्साहित करता हूं, क्योंकी यह देश हमारा है. इसलिए हम हर जा सकते हैं. पर अगर असम में यहां गैर असमिया लोगों को निशाना बनाया गया तो राज्य के बाहर रहने वाले असमिया लोगों के खिलाफ भी ऐसा हो सकता है. ऐसे में फिर हमारे युवां कहां जाएंगे.