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असम बम धमाके को पूरे हुए 16 साल, पीड़ितों को अब भी न्याय का इंतज़ार

साल 2008 अक्टूबर का महीना तारीख 30. यह दिन और साल इतिहास में दर्ज है. इस दिन अशम में एक के बाद एख बम विस्फोटों की कई दुखद घटना सामने आई थी. इन धमाकों में असम की राजधानी गुवाहाटी समेत 13 अन्य स्थानों पर बमबारी हुई थी. वहीं 30 अक्टूबर को 30 साल पूरे हुए. इसे याद करते हुए पीड़ितों ने न्याय की गुहार लगाई है.

असम बम धमाके को पूरे हुए 16 साल, पीड़ितों को अब भी न्याय का इंतज़ार
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( Image Source:  facebook/bodoethnicconflict )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Published on: 31 Oct 2024 12:10 PM

गुवाहाटीः साल 2008 अक्टूबर का महीना तारीख 30. यह दिन और साल इतिहास में दर्ज है. इस दिन अशम में एक के बाद एख बम विस्फोटों की कई दुखद घटना सामने आई थी. इन धमाकों में असम की राजधानी गुवाहाटी समेत 13 अन्य स्थानों पर बमबारी हुई थी. जिसके धमाके ने देश को हिलाकर रख दिया था.

वहीं इस ब्लॉस्ट में कई परिवारों को नुकसान पहुंचा था. उन्हीं पीड़ितों परिवार को याद करते हुए असम बम विस्फोटों की दुखद 16वीं बरसी मना रहा है. इस संबंध में पीड़ितों के परिवार उनकी स्मृति का पर्याप्त सम्मान करने में सरकार की कथित विफलता पर शोक व्यक्त कर रहे हैं. इन्हीं विस्फोट स्थलों में से एक गणेशगुड़ी फ्लाइओवर पर इकट्ठा होकर. उन्होंने उचित मुआवजा और निकटतम परिजनों को नौकरी के अवसर प्रदान करने में प्रशासन की कथित उपेक्षा पर गहरा दुख व्यक्त किया है.

विस्फोट में हुई थी पिता की मौत

वहीं इस दौरान अपने पिता की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए एक युवती ने अपना दुख बयां किया. उसने कहा कि 'मेरे पिता की मौत इस ब्लॉस्ट में हुई थी. जिसके बाद सरकार ने शुरूआत में हमारे परिवार को अनुग्रह राशि दी थी. लेकिन इसके बाद अब उन्हें हमारे परिवार की कोई सूध नहीं है. उन्होंने इस दौरान इस बात पर जोर दिया कि जनता और प्रशासन दोनों ही इस दिन के महत्व को भूलते जा रहे हैं.

उसने कहा कि भूलना इसलिए शुरू हुआ है क्योंकी हम लोगों ने अपने करीबियों को खोया है. उन्होंने नहीं. वहीं एक अन्य महिला ने भी अपने पति के संघर्ष पर गौर करते हुए कहा कि मैंने अपनी बेटी की शिक्षा पर अपना सारा पैसा खर्च कर दिया, यह सोचकर कि सरकार कम से कम उसे नौकरी प्रदान करेगी जब आरोपियों को दोषी ठहराया गया तो हमने उनके लिए मौत की सजा की मांग की. नौकरियों के बारे में भूल जाओ; हम न्याय चाहते थे. लेकिन न तो मौत की सज़ा दी गई और न ही हमें नौकरी देने का वादा किया गया.

सरकार ने दी थी सहायता राशि

वहीं पिछले कुछ रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार ने रुपये का अनुग्रह भुगतान प्रदान किया था. प्रत्येक मृतक पीड़ित के निकट संबंधी को 3 लाख रु. गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 और रु. मामूली चोट वाले व्यक्तियों को 10,000 रुपये दी गई थी.

असम सीएम ने जताया दुख

वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि आज, इस पवित्र अवसर पर, मैं 30 अक्टूबर के सीरियल बम विस्फोटों में अपनी जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और असम को इतिहास के ऐसे काले दिनों में वापस नहीं जाने देने की हमारी प्रतिबद्धता दोहराता हूं.''

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