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पहले खोया परिवार के 9 लोगों का साथ, अब सड़क हादसे में गई मंगेतर की जान; भूस्खलन प्रभावित श्रुति पर टूटा मुसीबतों का पहाड़

वायनाड त्रासदी से सर्रवाइव करने वाली 24 वर्षीय श्रुति पर दुखों का पहाड़ टूट चुका है. आपको बता दें कि इस हादसे में श्रुति ने अपने परिवार के 9 लोगों को खोया था. लेकिन बुधवार को एक सड़क हादसे में उन्होंने अपने होने वाले पति को भी खोया.

पहले खोया परिवार के 9 लोगों का साथ, अब सड़क हादसे में गई मंगेतर की जान; भूस्खलन प्रभावित श्रुति पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
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Photo: Social Media
सार्थक अरोड़ा
by: सार्थक अरोड़ा

Published on: 12 Sept 2024 2:24 PM

केरल (वायनाड): वायनाड में आए भयवाह भूस्खलन ने सभी को झकझोर कर रख दिया था. इस त्रासदी में कई परिवारों ने अपनों को खोने का दर्द सहा है. वहीं वायनाड हादसे से प्रभावित 24 वर्षीय श्रुति पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. ऐसा इसलिए वायनाड त्रासदी में श्रुति ने अपने परिवार के 9 लोगों को खोने का दुख सहा. हालांकि इस दुख से मुश्किलों से उभरने की कोशिश की थी, कि एक नया दुख उनकी जिंदगी में आया है.

होने वाले पति का हुआ एक्सीडेंट

श्रुति ने पहले अपने परिवार के 9 लोगों को खोया. काफी मेहनत और जद्दोजहद के बाद केरल सरकार ने श्रुति की मां के शव को ढूंढ निकाला था. जिसकी जानकारी सरकार द्वारा उन्हें दी. जिसके बाद वह उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने अपने दोस्त और होने वाले 27 वर्षिय पति जेनसन के साथ पुथमाला जा रही थी. इस दौरान रोड एक्सीडेंट के दौरान श्रुति ने उन्हें भी खो दिया. इस हादसे से श्रुति बुरी तरह से टूट चुकी है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि जेनसन और श्रुति ने इसी दिसंबर में शादी का प्लान किया था. एक इंटरव्यू में भी हुई बातचीत के दौरान जेनसन ने श्रुती का आखिरी सांस तक साथ निभाने का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि मैं इसे कभी अकेला नहीं छोडूंगा.

शव ढूंढने में हुई मुश्किल

वहीं आपको बता दें कि वायनाड त्रासदी के दौरान श्रुति के मां के शव को ढूंढने में सरकार को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. काफी मुश्किलों के बाद 9 सितंबर को केरल सरकार ने श्रुति को यह सूचना दी कि DNA टेस्ट की मदद से उनकी मां के शव को ढूंढ लिया गया है. सरकार की ओर से मिली सूचना के अनुसार 10 सितंबर को जेनसन और श्रुति पिथुमाला में पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुंचने वाले थे. आपको बता दें कि इसी जगह पर जिन शवों की अब तक पहचान नहीं की गई उन्हें रखा गया था. पिथुमाला वायनाड भूस्खलन से 7.5 किलोमिटर की ही दूरी पर है. वहीं अधिकारियों ने प्रत्येक कब्र को विशेष पहचान संख्याएं सौंपी थीं. कन्नूर जिले में क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में डीएनए परीक्षण किए गए.

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