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'हम भगवान बनेंगे या नहीं...तय करेंगे लोग', मणिपुर हिंसा को लेकर RRS चीफ मोहन भागवत

Mohan Bhagwat on Manipur violence: पुणे में एक कार्यक्रम में आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भी हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं.

हम भगवान बनेंगे या नहीं...तय करेंगे लोग, मणिपुर हिंसा को लेकर RRS चीफ मोहन भागवत
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सचिन सिंह
by: सचिन सिंह

Updated on: 12 Sept 2024 7:20 PM IST

Mohan Bhagwat on Manipur violence: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RRS) चीफ मोहन भागवत ने गुरुवार यानी 5 सितंबर 2024 को शंकर दिनकर केन के शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे. जहां उन्होंने मणिपुर हिंसे को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में स्थिति कठिन है और सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है.पुणे में एक कार्यक्रम में आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भी हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं.

मोहन भागवत ने कहा, 'हम भगवान बनेंगे या नहीं, यह लोग तय करेंगे. हमें यह घोषणा नहीं करनी चाहिए कि हम भगवान बन गए हैं.' आरएसएस प्रमुख ने यह टिप्पणी 1971 में मणिपुर में भैयाजी के नाम से मशहूर शंकर दिनकर काणे के काम की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में की.

दीये की तरह सदा जलना चाहिए -RRS चीफ

RRS चीफ ने कहा, 'कुछ लोग सोचते हैं कि शांत रहने के बजाय हमें बिजली की तरह चमकना चाहिए, लेकिन बिजली गिरने के बाद और पहले से भी ज्यादा अंधेरा हो जाता है. इसलिए कार्यकर्ताओं को दीये की तरह जलना चाहिए और जरूरत पड़ने पर चमकना चाहिए.'

संघर्षग्रस्त मणिपुर की वर्तमान स्थिति के बारे में बात करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति कठिन और चुनौतीपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जहां दो समुदायों के बीच संघर्ष में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं. ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी आरएसएस के स्वयंसेवक पूर्वोत्तर राज्य में मजबूती से तैनात हैं और स्थिति को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं.

मणिपुर में सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं -मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा, 'मणिपुर में स्थिति कठिन है. सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं. जो लोग वहां व्यापार या सामाजिक कार्य के लिए गए हैं, उनके लिए स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण है.' RRS चीफ ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक हिंसा के दौरान राज्य से भागे नहीं हैं और वे जनजीवन को सामान्य बनाने तथा दोनों समूहों के बीच गुस्से को कम करने के लिए काम कर रहे हैं.

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