झारखंड में ट्रांसजेंडर को नौकरी, 4 राज्यों में पहले से है व्यवस्था
झारखंड में पहली बार किसी ट्रांस जेंडर को सरकारी नौकरी मिली है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्रांसजेंडर आमिर महतो को नियुक्ति पत्र देकर उज्जवल भविष्य की कामना की.

बिहार, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के बाद अब झारखंड में भी ट्रांस जेंडर को थर्ड जेंडर मान लिया गया है. इसी के साथ इन्हें ओबीसी कैटेगरी में रखते हुए सरकारी नौकरियों में अवसर देने की शुरूआत हो गई है. इसी क्रम में शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची में ट्रांस जेंडर को पहली नौकरी मिली. यह नौकरी आमिर महतो को मिली. उसे खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियुक्ति पत्र दिया है. उसकी तैनाती सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी के तौर पर की गई है. इससे पहले आमिर महतो पटना एम्स में तैनात थी.
बता दें कि ट्रांस जेंडर के खिलाफ होने वाले भेदभाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों के लिए साल 2014 में गाइड लाइन जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट की इस गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2016 पारित किया. इस विधायक कानून बनने के बाद देश के कई राज्यों ने अपने यहां लागू भी कर लिया. इनमें बिहार, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तमिलनाड़ शामिल है. इसी क्रम में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने 6 सितंबर 2023 को हुई कैबिनेट की बैठक में ट्रांसजेंडर को पिछड़े वर्गों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी.
नियुक्ति पत्र लेकर चहक उठी आमिर
इसमें कहा गया कि ट्रांस जेंडर को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग में उन्हें नौकरी में आरक्षण देने के साथ और भी जरूरी उपक्रम किए जाएंगे. इसी कड़ी में शुक्रवार को पहली बार इस कोटे से ट्रांस जेंडर आमिर महतो को नियुक्ति पत्र दिया गया है. नियुक्ति पत्र हाथ में आते ही आमिर महतो चहक उठी. उसने मीडिया के सामने भी अपनी खुशी जाहिर की. कहा कि उसे नौकरी मिलने की उतनी खुशी नहीं है, जितनी राज्य में सभी ट्रांस जेंडर के लिए नौकरी का द्वार खुलने की खुशी है. अपने माता पिता के साथ पटना से चलकर झारखंड आई आमिर ने कहा कि वह अब अपने परिवार के साथ ही रहेगी. आमिर ने बताया कि उसका जन्म पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर गांव में रहने वाले एक मामूली किसान के घर में हुआ है.