सुन लो दिल्ली वालों, अब चालान कटना नहीं पड़ेगा भारी, केजरीवाल सरकार का नया तोहफा
दिल्ली सरकार लोगों के लिए एक बड़ा तोहफा लेकर आई है. दिल्ली में अब चालान कटने पर जुर्माना राशि में 50 फीसदी की छूट मिलेगी. लेकिन लोगों को 30 दिनों के अंदर चालान भरना होगा.

Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अक्सर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर लोगों के चालान काटे जाते हैं. लेकिन अब उन्हें चालान के जुर्माने में बड़ी राहत मिलने वाली है. दरअसल आम आदमी पार्टी सरकार ने जनता को एक बड़ा तोहफा दिया है. केजरीवाल सरकार ने गाड़ियों के चालान पर 50 प्रतिशत की छूट देने का फैसला किया है. इसका फायदा सिर्फ दिल्लीवालों को ही मिलेगा. एलजी की मुहर के बाद दिल्ली सरकार का यह फैसला बहाल हो जाएगा.
दिल्ली सरकार के नए फैसले के अनुसार यह छूट मोटर वाहन अधिनियम की विशिष्ट धाराओं के अंतर्गत अपराधों पर लागू होगी. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मोटर वाहन एक्ट की कुछ धाराओं के तहत कुछ ट्रैफिक अपराधों के लिए चालान राशि का 50 फीसदी जुर्माना वसूलने का फैसला किया है.
इस शर्त पर मिलेगा लाभ
परिवहन मंत्री ने बताया, अगर 90 दिनों के अंदर मौजूदा ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए चालान का भुगतान कर दिया जाता है और नए कानून के तहत 30 दिनों के अंदर जुर्माना भरने पर 50 प्रतिशत की राहत दी जाएगी. यानी लोगों को चालान का आधा पैसा ही देना होगा. आपको बता दें कि इस प्रस्ताव का उद्देश्य लोगों को ट्रैफिक जुर्माना भरने के लिए प्रेरित करना है. इस फैसले से लोग लंबे कानूनी विवादों से बच सकते हैं.
काननू के दायरे में आएंगे ये लोग
दिल्ली सरकार के नए नियम के दायरे में अलग-अलग प्रकार के ट्रैफिक उल्लंघनों आएंगे. जिसमें वैध लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाना, अनधिकृत व्यक्ति को गाड़ी चलाने देना, खतरनाक ड्राइविंग, शारीरिक या मानसिक रूप से अस्वस्थ होने पर गाड़ी चलाना और बिना बीमा के वाहन चलाना शामिल है. इस उपाय में सार्वजनिक क्षेत्रों में बिना अनुमति के रेसिंग या स्पीड ट्रायल आयोजित करने के लिए दंड भी शामिल है.
75 प्रतिशत नहीं भरते चालान
दिल्ली सरकार के परिवहन विभा ने ट्रैफिक जुर्माने से संबंधित डेटा की जानकारी दी है. जिसके अनुसार साल 2024 की शुरुआत में ऐसे बहुत से लोग हैं जो चालान नहीं भर रहे हैं. पिछले साल ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के दौरान 75 फीसदी से अधिक लोगों ने जुर्माना नहीं भरा था. लेकिन साल 2022 की तुलना में 2023 का आंकड़े में वृद्धि दर्ज की गई.