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युवराज सिंह की गुरुशाला: खुद की तरह ही शानदार मैच-विनर क्रिकेटर तैयार कर रहे यूवी

भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह अब गुरु के रूप में नई पहचान बना रहे हैं. शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा और प्रभसिमरन जैसे युवा खिलाड़ी उनकी मेंटॉरशिप में मैदान पर धमाल मचा रहे हैं. युवराज सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि खेल की मानसिकता और दबाव में प्रदर्शन की कला सिखाते हैं. अब उनकी "गुरुशाला" से भारत को मिल रहे हैं नए मैच-विनर.

युवराज सिंह की गुरुशाला: खुद की तरह ही शानदार मैच-विनर क्रिकेटर तैयार कर रहे यूवी
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( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Published on: 4 Oct 2025 5:04 PM

भारत में क्रिकेट किसी धर्म से कम नहीं है. हर युवा क्रिकेट प्रेमी के लिए भारतीय टीम के खिलाड़ी आदर्श और प्रेरणा हैं. मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट में कई युवा खिलाड़ी सामने आ रहे हैं, जो टी-20 और अन्य फॉर्मेट्स में अपनी धमक और खेल कौशल से विरोधियों के पैर कांपने पर मजबूर कर रहे हैं. इनमें शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, प्रियांश आर्य और प्रभसिमरन सिंह जैसे खिलाड़ी शामिल हैं. ये खिलाड़ी मैदान पर आते ही चौके-छक्के लगाकर दर्शकों का दिल जीतते हैं. लेकिन इनकी सफलता का असली रहस्य पर्दे के पीछे छिपा है.

युवराज सिंह, जो वर्ल्ड क्रिकेट में अपने बेखौफ खेल और मैच जीतने वाले प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं, इन युवा खिलाड़ियों के गुरु हैं. युवराज केवल तकनीक नहीं सिखाते, बल्कि मानसिकता, दबाव से निपटना, सही समय पर आक्रमण और खुद को रोकने की कला भी इन्हें सिखाते हैं. यही कारण है कि शुभमन गिल इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी जगह बनाने में सफल हुए और अब वह टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान हैं.

युवराज ने अपने दोस्त अभिषेक शर्मा के खेल में भी कमाल कर दिखाया. अभिषेक का बैटिंग स्टाइल युवराज ने पूरी तरह से बदलते हुए उन्हें निडर, बेखौफ और अटैकिंग बल्लेबाज बनाया. इसका नतीजा ये है कि अब अभिषेक के सामने दुनिया के सबसे बड़े गेंदबाज़ भी खौफ खाते हैं. IPL में भी अभिषेक शर्मा ने धमाल मचाया है, और अब इंटरनेशनल क्रिकेट में भी उनके बल्ले की गूंज सुनाई दे रही है.

युवराज सिंह अब धीरे-धीरे ‘मेंटॉरशिप’ को अपनी आदत बना चुके हैं. वह भारत को भविष्य के ऐसे खिलाड़ी दे रहे हैं, जो किसी भी परिस्थितियों में विरोधी को मात दे सकें. शुभमन गिल से लेकर प्रभसिमरन और प्रियांश आर्य तक युवराज का ट्रेनिंग रेजीम किसी मैच-विनर फैक्ट्री से कम नहीं है.

युवराज का DNA हमेशा से ही बेखौफ क्रिकेट का रहा है. दबाव चाहे जितना भी हो, उनके खेल में हमेशा झलकता था कि कैसे विरोधी को उसके ही मैदान पर परास्त किया जाए. अब वही मानसिकता, हिम्मत और जज़्बा वह अपने शिष्यों में डाल रहे हैं. युवराज सिंह अपने शिष्यों को सिखाते हैं कि कब ओवर का फायदा उठाना है, कब विरोधी का सम्मान करना है, और कब आक्रामक खेल दिखाना है. इसका नतीजा ये है कि उनके शिष्य न केवल दिल से बल्कि दिमाग से भी खेलते हैं.

युवराज के शिष्य

शुभमन गिल- भारत का मौजूदा टेस्ट कप्तान, टी20 और ODI क्रिकेट में अहम बल्लेबाज. उनकी टाइमिंग और तकनीक ने फैंस को दीवाना बना दिया है.

अभिषेक शर्मा- टीम इंडिया का नया पोस्टर बॉय. IPL से निकली चमक अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी दिखाई दे रही है. एशिया कप 2025 में उनका आक्रामक अंदाज विपक्षी गेंदबाज़ों के लिए डर का दूसरा नाम बन गया.

प्रभसिमरन सिंह- पंजाब किंग्स के लिए IPL में शानदार ओपनिंग. उनकी आक्रामक शुरुआत ने उन्हें नेशनल टीम की दहलीज़ तक पहुंचाया.

युवराज का अगला दांव: प्रियांश आर्य

प्रियांश आर्य ने DPL में एक ओवर की छह गेंदों पर छह छक्के जड़कर सभी को चौंका दिया. तब सबको युवराज सिंह की याद आई, जिन्होंने खुद स्टुअर्ड ब्रॉड पर छह गेंदों में छह छक्के जड़कर इतिहास रचा था. प्रियांश की यही प्रतिभा IPL में भी दिखी, जब पंजाब किंग्स ने उन्हें मौका दिया. पहले ही सीज़न में उन्होंने अपने खेल और आक्रामक प्रदर्शन से बड़े दिग्गजों को प्रभावित किया. अब सवाल ये है कि क्या प्रियांश आर्य भारत के अगले सुपरस्टार बनेंगे और क्या युवराज उन्हें भी शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा जैसा खिलाड़ी बना पाएंगे.

युवराज सिंह की कोचिंग सिर्फ तकनीकी सुधार तक सीमित नहीं है. वह खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने, दबाव में सही निर्णय लेने, आक्रामकता और संयम में संतुलन रखने की कला सिखाते हैं. उनके मार्गदर्शन में खेलते हुए युवा खिलाड़ी न केवल अपने खेल में सुधार करते हैं, बल्कि मैदान पर विरोधी को रणनीतिक रूप से मात देने में भी सक्षम होते हैं.

भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए यह युवा पीढ़ी बेहद महत्वपूर्ण है. युवराज सिंह जैसे मेंटॉर की मदद से ये खिलाड़ी न केवल घरेलू क्रिकेट में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहे हैं. उनका खेल, आक्रामकता और रणनीतिक बुद्धिमत्ता टीम इंडिया को आगे ले जाने में मदद करेगी.

युवराज सिंह की मेंटॉरशिप से ही भारतीय क्रिकेट के ये युवा सितारे अपने खेल में निखार ला रहे हैं. शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, प्रभसिमरन सिंह और प्रियांश आर्य जैसे खिलाड़ी भविष्य में भारतीय टीम के लिए मैच-फिक्सिंग और जीत के प्रतीक बन सकते हैं.

युवराज की गुरुशाला में सीखे गए सबक केवल तकनीक या शक्ति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह खिलाड़ियों को मानसिक रूप से भी तैयार करती है. यही कारण है कि भारतीय क्रिकेट में युवराज सिंह का योगदान केवल उनके व्यक्तिगत खेल तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि उन्होंने नए सितारों को भी जन्म दिया है, जो आने वाले समय में देश का गौरव बढ़ाएंगे.

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