संजू के बल्ले ने रचा इतिहास, पहले शतक फिर 2 डक फिर सेंचुरी
Sanju Samson : इस सीरीज में संजू सैमसन का प्रदर्शन यह साबित करता है कि क्रिकेट में निरंतरता और आत्मविश्वास कितना महत्वपूर्ण है. उनकी वापसी की यह कहानी क्रिकेट प्रशंसकों के लिए प्रेरणादायक बन गई है.

Sanju Samson : भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया. संजू का फॉर्म इस सीरीज में काफी अनोखा और चर्चा का विषय रहा. शतक से शुरुआत, फिर दो मैचों में डक (खाता न खोल पाना), और अंत में जोरदार वापसी करते हुए शतक - उनका प्रदर्शन किसी फिल्मी स्क्रिप्ट की तरह था.
विस्फोटक शुरुआत और डक की निराशा
टी20 सीरीज की शुरुआत में संजू सैमसन ने धमाकेदार अंदाज में शतक लगाया. लेकिन इसके बाद अगले दो मुकाबलों में उनका बल्ला पूरी तरह खामोश रहा. दोनों मैचों में मार्को यानसन ने उन्हें पहले ही ओवर में बोल्ड कर दिया. यह देख प्रशंसकों के मन में सवाल उठने लगा कि क्या संजू तीसरे मैच में भी संघर्ष करेंगे या धमाकेदार वापसी करेंगे.
शतक के साथ वापसी
जोहानिसबर्ग में खेले गए तीसरे और आखिरी मुकाबले में संजू ने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया. पहले ही ओवर में उनका कैच छूटने के बाद उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. संजू ने 51 गेंदों में शानदार शतक लगाकर साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों की जमकर खबर ली. उनकी पारी में 7 चौके और 8 गगनचुंबी छक्के शामिल थे.
पावरप्ले में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी
संजू ने अभिषेक शर्मा के साथ मिलकर पावरप्ले के भीतर ही 73 रनों की धमाकेदार साझेदारी की. अभिषेक हालांकि बड़ी पारी नहीं खेल सके, लेकिन संजू ने हमला जारी रखा और 28 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया. इसके बाद तिलक वर्मा के आने पर उनकी बल्लेबाजी थोड़ी धीमी हुई, लेकिन उन्होंने 51 गेंदों में अपना तीसरा अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा कर ही लिया.
तिलक वर्मा की शानदार फॉर्म
सिर्फ संजू ही नहीं, बल्कि तिलक वर्मा भी इस मैच में चमके. तिलक ने लगातार दूसरे मैच में शतक जमाया. उनके इस प्रदर्शन में साउथ अफ्रीका के फील्डर्स का भी योगदान रहा, जिन्होंने उनके दो कैच छोड़े. तिलक ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए 41 गेंदों में सेंचुरी ठोक दी.
संजू और तिलक ने रचा इतिहास
इस साझेदारी ने भारतीय क्रिकेट के लिए नया कीर्तिमान स्थापित किया. संजू सैमसन और तिलक वर्मा की पारियों ने न केवल भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि यह दिखा दिया कि टीम के युवा खिलाड़ी बड़े मुकाबलों में भी अपना दमखम दिखाने के लिए तैयार हैं.