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हार के एक घंटे बाद पाकिस्तान ने बदल दी चयन समिति, पूर्व अंपायर अलीम डार को मिली ये जिम्मेदारी

Aleem Dar: PCB की यह नई पहल टीम के प्रदर्शन को सुधारने और बेहतर चयन नीति को लागू करने के लिए की गई है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये बदलाव पाकिस्तान क्रिकेट को उसकी खोई हुई प्रतिष्ठा दिलाने में सफल होंगे.

हार के एक घंटे बाद पाकिस्तान ने बदल दी चयन समिति, पूर्व अंपायर अलीम डार को मिली ये जिम्मेदारी
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Aleem Dar
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 11 Oct 2024 5:08 PM IST

Aleem Dar: मुल्तान में इंग्लैंड के खिलाफ करारी हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने अपनी चयन समिति में बड़े फेरबदल की घोषणा की है. शुक्रवार को इंग्लैंड द्वारा एक पारी से पाकिस्तान को हराने के तुरंत बाद, PCB ने नए सदस्यों के रूप में पूर्व अंपायर अलीम डार, आकिब जावेद और अजहर अली को शामिल करने का ऐलान किया. ये सभी सदस्य असद शफीक, विश्लेषक हसन चीमा, और टीम के कप्तान और कोच के साथ चयन पैनल का हिस्सा होंगे, जो पहले से ही इसमें मौजूद थे.

नए चयन समूह में अब कुल सात सदस्य हैं जो चयन से जुड़े फैसलों के लिए जिम्मेदार होंगे. इसके अलावा, चार गैर-मतदान सदस्य भी चयन समिति में शामिल किए गए हैं. इनमें अजहर महमूद (सहायक कोच), बिलाल अफ़ज़ल (PCB अध्यक्ष के सलाहकार), नदीम खान (हाई परफॉर्मेंस के निदेशक), और उस्मान वहला (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के निदेशक) शामिल हैं.

यह कदम पाकिस्तान की हालिया टेस्ट प्रदर्शन की निराशाजनक कड़ी के बीच उठाया गया है. पाकिस्तान को इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 550 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद पारी और 47 रनों से हार का सामना करना पड़ा, जिससे वे टेस्ट इतिहास में पहली ऐसी टीम बन गई हैं जो इतनी बड़ी पहली पारी के बाद पारी से हार गई हो. यह पाकिस्तान की घरेलू मैदान पर लगातार तीसरी टेस्ट हार है और उनकी पिछली नौ घरेलू टेस्ट मैचों में यह सातवीं हार है.

इस हार के बाद पाकिस्तान का प्रदर्शन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की अंकतालिका में सबसे निचले पायदान पर है. पाकिस्तान के खाते में आठ मैचों से केवल 16 अंक हैं, जो उनके हालिया प्रदर्शन को दर्शाता है.

चयन समिति में यह बड़ा बदलाव उस समय हुआ है जब कुछ ही दिन पहले मोहम्मद यूसुफ ने चयन पैनल से इस्तीफा दिया था. हालांकि, अभी तक चयन समिति का प्रमुख नियुक्त नहीं किया गया है. अगस्त 2021 से अब तक इस पद को 26 लोग संभाल चुके हैं, जिससे चयन समिति की स्थिरता पर भी सवाल खड़े होते हैं.

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