इशप्रीत सिंह चड्ढा ने सेमीफाइनल तक का सफर किया तय, मार्क सेल्बी को हराकर रचा इतिहास
भारत के उभरते स्नूकर (Snooker) के खिलाड़ी इशप्रीत सिंह चड्ढा ने प्रोफेशनल स्नूकर सर्किट में शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई.

Ishpreet Singh Chadha: भारत के उभरते स्नूकर (Snooker) के खिलाड़ी इशप्रीत सिंह चड्ढा ने प्रोफेशनल स्नूकर सर्किट में शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई. क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चार बार के विश्व स्नूकर चैंपियन मार्क सेल्बी को हराकर सभी को चौंका दिया. इस उपलब्धि के साथ इशप्रीत 10 साल में सेमीफाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने. इस जीत के साथ उनकी इनामी राशि 21 हजार पाउंड तक पहुंच गई.
यसिन मर्चेंट की कोचिंग में निखरे इशप्रीत
इशप्रीत (Ishpreet Singh Chadha) के कोच, पूर्व स्नूकर चैंपियन यसिन मर्चेंट, ने इस खिलाड़ी को कड़ी ट्रेनिंग दी है. उन्होंने इशप्रीत को सिखाया कि बड़े नामों से प्रभावित हुए बिना अपने खेल पर फोकस करें. 13 साल से इशप्रीत को ट्रेन कर रहे यसिन को उनके आक्रामक खेल पर पूरा भरोसा था. भारतीय खिलाड़ी अक्सर रक्षात्मक खेल दिखाते हैं, लेकिन इशप्रीत का आक्रामक अंदाज उन्हें सबसे अलग बनाता है.
दबाव से बेपरवाह रहते हैं इशप्रीत
इशप्रीत ने बताया कि उन्हें दबाव में खेलना कभी मुश्किल नहीं लगा. इसके लिए उनके कोच ने विशेष तकनीक से उन्हें तैयार किया है. उन्होंने कहा, “मैं अपने विरोधी के नाम या चेहरे पर ध्यान नहीं देता, चाहे सामने पंकज आडवाणी हो या कोई और. यसिन सर ने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाने में काफी मदद की है, जिससे बड़े मैचों में भी मुझ पर कोई असर नहीं होता.”
सेमीफाइनल में हार, लेकिन बड़ी सीख
हालांकि, सेमीफाइनल में इशप्रीत का सफर थम गया. 21 वर्षीय चीनी खिलाड़ी वू येजे ने उन्हें हराकर फाइनल में जगह बनाई. इशप्रीत ने हार के बाद कहा, "सेल्बी के खिलाफ जीत ने मुझ पर मानसिक रूप से काफी असर डाला था. 12 घंटे के भीतर अगले मैच में मैं पूरी तरह तैयार नहीं हो पाया और प्रदर्शन कमजोर रहा। यह हार एक अच्छी सीख है."
खार जिमखाना से अंतरराष्ट्रीय मंच तक का सफर
मुंबई में बड़े हुए इशप्रीत ने खार जिमखाना के स्नूकर रूम में घंटों अभ्यास कर अपने खेल को निखारा. यहीं पर उन्होंने यसिन मर्चेंट के साथ अपने आक्रामक खेल पर काम किया. 2022 में इशप्रीत ने पंकज आडवाणी को हराकर इंडियन नेशनल स्नूकर चैंपियनशिप जीती थी.