ऑस्ट्रेलिया से मिली करारी हार और बिखर गईं हरमनप्रीत, ड्रेसिंग रूम में स्मृति मंधाना का हुआ हाल बेहाल
Women's T20 World Cup : इस हार के बाद, टीम इंडिया के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं, और अब सेमीफाइनल में जाने की उनकी उम्मीदें दूसरों पर निर्भर करती हैं. हरमनप्रीत और मंधाना की निराशा सिर्फ इस हार की नहीं, बल्कि बार-बार आई इस तरह की हारों की दर्दनाक यादों की भी प्रतीक है.

Women's T20 World Cup : भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए यह हार किसी पुराने दर्द को फिर से जीने जैसा था. पिछले दो सालों में यह चौथी बार था जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मुकाबले में अर्धशतक जमाया, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से उतना समर्थन नहीं मिला. पहले 2022 के वनडे वर्ल्ड कप, फिर कॉमनवेल्थ गेम्स, और पिछले साल के टी20 वर्ल्ड कप में भी यही कहानी दोहराई गई थी. इस बार फिर कुछ अलग नहीं हुआ.
152 रनों का पीछा करते हुए, भारत ने इरादा तो मजबूत दिखाया था, खासकर जब ओपनर शेफाली वर्मा ने 13 गेंदों में 20 रनों की तेज़ पारी खेली, जिसमें दो चौके और एक छक्का शामिल था. हालांकि, स्मृति मंधाना नई गेंद को अच्छी तरह से गैप में नहीं खेल पा रही थीं और टीम शुरुआती झटकों से जूझ रही थी.
अकेले लड़ती रहीं हरमनप्रीत
तीसरे विकेट के गिरने के बाद, हरमनप्रीत कौर और दीप्ति शर्मा ने मिलकर पारी को संभाला. दोनों के बीच की अर्धशतकीय साझेदारी ने भारत को कुछ राहत दी, लेकिन जब लग रहा था कि वे खेल को अंत तक ले जाएंगे, तभी सोफी मोलिनेक्स ने दीप्ति शर्मा को आउट कर दिया. इसके बाद हरमनप्रीत एक बार फिर अकेली रह गईं.
ऑस्ट्रेलिया ने भारत की निचली क्रम की कमजोरी को उजागर किया, खासकर स्लॉग ओवर्स की शुरुआत में. हरमनप्रीत ने एक शानदार 47 गेंदों पर नाबाद 54 रनों की पारी खेली, लेकिन उनका यह प्रयास टीम को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था. भारत नौ रनों से हार गया और इस हार ने सेमीफाइनल की उम्मीदों को भी कमजोर कर दिया.
हरमनप्रीत इस हार से बेहद निराश थीं, खासकर इसलिए कि एक बार फिर उन्होंने अपनी टीम को जीत की कगार पर पहुंचाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाईं. यह उनके लिए déjà vu जैसा था—जैसे ही दूसरे छोर से विकेट गिरते गए, हरमनप्रीत का उत्साह टूटता गया. मैच के बाद उन्होंने अपनी निराशा छुपाने की कोशिश की, लेकिन हार के बाद उनकी मायूसी साफ झलक रही थी.
स्मृति मंधाना, जो इस मैच में खुद संघर्ष कर रही थीं, ड्रेसिंग रूम की सीढ़ियों पर बैठी हुई थीं. जब दीप्ति और ऋचा घोष का लगातार विकेट गिरा, तब मंधाना के चेहरे पर निराशा स्पष्ट दिखाई दे रही थी. उनके साथ बैठी तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर ने भी अपना चेहरा ढक लिया था, मानो वे हार पर यकीन नहीं कर पा रही थीं.
सेमीफाइनल की उम्मीदें खतरे में
भारत के लिए अब सेमीफाइनल में पहुंचना दूसरे परिणामों पर निर्भर हो गया है. अगर पाकिस्तान सोमवार को न्यूज़ीलैंड को हरा देता है, तो भारत के पास सेमीफाइनल में पहुंचने का एक और मौका हो सकता है, लेकिन यह परिणाम अब भारत के नियंत्रण में नहीं है.
मैच के बाद हरमनप्रीत ने कहा, "जो कुछ हमारे हाथ में था, हमने वो किया, लेकिन अब यह हमारे नियंत्रण में नहीं है. अगर हमें एक और मौका मिलता है, तो वह शानदार होगा. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो जो टीम हकदार है, वही वहां जाएगी."