ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर स्टीव स्मिथ ने लिया संन्यास, वनडे क्रिकेट को कहा अलविदा
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में भारत से हारने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. स्मिथ ने 170 वनडे मैचों में 5800 रन, 12 शतक और 35 अर्धशतक बनाए. उन्होंने टेस्ट और T20 क्रिकेट जारी रखने की बात कही. क्रिकेट जगत ने उनके योगदान की सराहना की.

सेमीफाइनल में भारत के हाथों मिली हार के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के इस अहम मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बना ली, जबकि ऑस्ट्रेलिया का सफर यहीं समाप्त हो गया. मैच के बाद स्मिथ ने अपनी वनडे क्रिकेट यात्रा को याद करते हुए संन्यास की घोषणा की और कहा कि अब वह टेस्ट और टी20 क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करेंगे. उनकी इस घोषणा ने क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया, क्योंकि वह टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक थे.
स्टीव स्मिथ ने 2010 में वेस्टइंडीज के खिलाफ लेग-स्पिन ऑलराउंडर के रूप में वनडे क्रिकेट में कदम रखा था, लेकिन जल्द ही उन्होंने खुद को विश्व स्तरीय बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया. अपने करियर में उन्होंने 170 वनडे मैच खेले, जिसमें 43.28 की औसत से 5800 रन बनाए. इसमें 12 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने गेंदबाजी में भी योगदान दिया और 34.67 की औसत से 28 विकेट लिए. उनकी तकनीक, संयम और मैच जिताने की क्षमता ने उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का एक अहम स्तंभ बना दिया.
टेस्ट और टी-20 खेलते रहेंगे
स्मिथ के वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले के बाद क्रिकेट प्रेमियों और दिग्गजों की ओर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनके योगदान की सराहना की और उनकी उपलब्धियों को याद किया. हालांकि, स्मिथ अब भी टेस्ट और टी-20 फॉर्मेट में खेलते रहेंगे, जिससे प्रशंसकों को उनकी बेहतरीन पारियां देखने का मौका मिलेगा. अब देखना दिलचस्प होगा कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम उनकी जगह कौन सा नया विकल्प तलाशती है और यह बदलाव टीम की रणनीति को कैसे प्रभावित करता है.
भारत के खिलाफ शानदार खेले
स्टीव स्मिथ का वनडे करियर भारत के खिलाफ भी शानदार रहा. उन्होंने 30 वनडे मैचों में 53.19 की औसत से 1383 रन बनाए, जिसमें 5 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं. भारत के खिलाफ उनकी निरंतरता और बेहतरीन बल्लेबाजी ने उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए अहम खिलाड़ी बनाया.