Begin typing your search...

अनंत चतुर्दशी क्यों बांधा जाता है 14 गांठों वाला अनंत सूत्र, जानिए महत्व और धार्मिक मान्यता

हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी एक बेहद खास दिन माना जाता है. इस दिन भक्त 14 गांठों वाला अनंत सूत्र बांधते हैं, जिसे विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनकी अनंत शक्ति से जोड़कर पूजा जाता है.

अनंत चतुर्दशी क्यों बांधा जाता है 14 गांठों वाला अनंत सूत्र, जानिए महत्व और धार्मिक मान्यता
X
( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 19 Oct 2025 6:09 PM IST

हिंदू धर्म में हर एक तिथि का विशेष महत्व होता है. 06 सितंबर 2025 को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा. इस त्योहार को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है.

इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा होती है. साथ ही 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव पर भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है. इस दिन बाजू पर अनंत सूत्र बांधने का भी विधान होता है. आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी का महत्व और पूजा विधि.

अनंत चतुर्दशी का महत्व

हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी के त्योहार का खास महत्व होता है. यह पर्व जीवन में पवित्रता, द्दढ़ संकल्प और जीवन में अनन्त सफलता का प्रतीक माना जाता है. अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा होती है. अनंत शब्द का अर्थ होता है जिसका कोई अंत न हो. भगवान विष्णु को अनंत शक्ति और निरंतरता का प्रतीक मान जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत में जब पांडवों का राजपाठ चला गया था और पांचों पांडवों ने अपनी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए भगवान कृष्ण के आदेश से अनंत व्रत का पालन किया था. जिसके प्रभाव से खोया हुआ राज्य और पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति हुई थी. तभी से ऐसी मान्यता है अनंत चतुर्दशी का व्रत और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि

अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके पूजा और व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए. फिर इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने अनंत सूत्र को धारण करें. आपको बता दें कि अनंत सूत्र एक पवित्र रेशम का पीला सूत्र होता है जिसमें 14 गांठे लगी होती हैं, जो अनंत भगवान के 14 लोकों का प्रतीक होती हैं. इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को प्रणाम करते हुए षोडशोपचार विधि से पूजा करें. साथ ही इस पूजा में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी बहुत ही शुभ और लाभकारी होता है. भगवान विष्णु को फूल, अक्षत, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें. पूजा के बाद अनंत सूत्र को भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करके पवित्र जल छिड़कें और पुरुष अपने दाहिने हाथ में तथा महिलाएं अपने बाएं हाथ में अनंत सूत्र बांधें.

धर्म
अगला लेख