धनतेरस के दिन लोग क्यों खरीदते हैं धनिया? जानें मां लक्ष्मी का वो अचूक उपाय, जो बदल सकता है आपकी किस्मत!
धनतेरस का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली नजदीक है और इस महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है. इस दिन लोग अपनी जरूरत और आर्थिक स्थिति के अनुसार विभिन्न वस्तुओं की खरीदारी करते हैं. दुकानदारों से लेकर बड़ी कंपनियों तक सभी दिवाली पर विशेष ऑफर लेकर आते हैं, जिसका लोगों को फायदा मिलता है.

Dhanteras 2024: धनतेरस का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली नजदीक है और इस महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है. इस दिन लोग अपनी जरूरत और आर्थिक स्थिति के अनुसार विभिन्न वस्तुओं की खरीदारी करते हैं. दुकानदारों से लेकर बड़ी कंपनियों तक सभी दिवाली पर विशेष ऑफर लेकर आते हैं, जिसका लोगों को फायदा मिलता है. लेकिन क्या आपको पता है कि धनतेरस पर धनिया खरीदने की भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है? आइए, इस परंपरा के पीछे के रहस्य को जानें.
धनतेरस पर मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा में सूखे धनिया के बीज अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है. कहते हैं कि इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. जब सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, तो घर में धन का भी प्रवाह बढ़ जाता है.
धनिया खरीदने की परंपरा का रहस्य
धनतेरस पर मां लक्ष्मी की पूजा में सूखे धनिया या गुड़-धनिया को मिलाकर अर्पित करना शुभ माना जाता है. पूजा के बाद, इस मिश्रण को एक लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या पैसे रखने वाली जगह पर रख दें. यह मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी परिवार पर कृपा दृष्टि बनाती हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. साथ ही, इससे परिवार में आपसी एकता भी बढ़ती है.
कब होगी धनतेरस की पूजा?
इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन शाम 6 से 8 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर देव और भगवान धनवंतरी की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. पूजा के बाद, बर्तन, झाड़ू, या सोना-चांदी जैसी वस्तुओं की खरीदारी अवश्य करें. मान्यता है कि धनतेरस पर महालक्ष्मी की पूजा और खरीदारी से समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं.
इस धनतेरस, मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने और अपने घर में धन-संपत्ति के प्रवाह को बढ़ाने के लिए धनिया खरीदने की इस अनोखी परंपरा को जरूर अपनाएं!
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.