पहले कहां आया था कलियुग? जानें वो 5 जगहें जहां जमाया अपना वास!
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलियुग केवल एक युग ही नहीं बल्कि एक राक्षस था, जो धीरे-धीरे धरती पर फैल गया और कुछ खास स्थानों पर अपना निवास बना लिया. महाभारत में इसका उल्लेख मिलता है. जब राजा परीक्षित को कलि राक्षस के आगमन की खबर मिली, तो उन्होंने उसे रोकने का प्रयास किया.

Kaliyug kaha Rehta hai: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलियुग केवल एक युग ही नहीं बल्कि एक राक्षस था, जो धीरे-धीरे धरती पर फैल गया और कुछ खास स्थानों पर अपना निवास बना लिया. महाभारत में इसका उल्लेख मिलता है. जब राजा परीक्षित को कलि राक्षस के आगमन की खबर मिली, तो उन्होंने उसे रोकने का प्रयास किया. परंतु कलि ने ब्रह्मा के नियमों का हवाला देकर परीक्षित से निवास स्थान की मांग की. राजा परीक्षित ने विवश होकर उसे कुछ विशेष स्थान दिए, जिन पर आज भी कलियुग का प्रभाव माना जाता है.
सोने में कलियुग का वास
राजा परीक्षित ने सबसे पहले कलियुग को सोने में निवास दिया. माना जाता है कि सोने के प्रति लालच और संघर्ष इंसान को नैतिकता से दूर कर देता है. सोना संपत्ति और अधिकार का प्रतीक है, जिस पर लोग अक्सर अन्याय और क्रूरता तक करने को तैयार हो जाते हैं.
शराब घर
कलियुग का एक और निवास स्थान शराब घर माने गए हैं. शराब के सेवन से अक्सर व्यक्ति विवेक और समझ खो देता है, जिससे अनैतिक कृत्यों का जन्म होता है. यह स्थान भी कलियुग के प्रभाव का बड़ा कारण माना गया है.
जुआं घर
जुआ घरों में भी कलियुग का निवास है. जुए में व्यक्ति धन की लालसा में धर्म-अधर्म का ज्ञान खो देता है और बेईमानी का रास्ता अपनाता है. यह स्थान नैतिक पतन का प्रतीक माना गया है.
कसाई खाना
कसाई खाने में निर्दोष जीवों की हत्या होती है, जो क्रूरता का प्रतीक है. यहां मानवता की कमी होती है और यह स्थान कलियुग के निवास का प्रमुख संकेत है.
वेश्यालय
वेश्यालयों में मनुष्य को वस्तु की तरह खरीदा और बेचा जाता है. यहां भावनाओं का स्थान नहीं होता और मानवता का पतन साफ दिखता है. इस प्रकार वेश्यालय भी कलियुग के निवास स्थानों में से एक माने जाते हैं.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.