दिवाली कब मनाएं 20 या 21 अक्टूबर? जानिए सही तिथि और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
दिवाली 2025 की तारीख को लेकर इस बार भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है. पंचांग गणना के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3:45 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5:55 बजे तक रहेगी. लेकिन चूंकि 21 अक्टूबर को सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या समाप्त हो जाएगी, इसलिए उस दिन प्रदोष काल और निशीथ काल दोनों का अभाव रहेगा. ऐसे में 20 अक्टूबर को दिवाली और लक्ष्मी पूजन करना ही शुभ रहेगा.

इस बार भी दिवाली की तारीखों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. दरअसल पिछले साल की तरह इस बार भी कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि दो दिन रहगी, जिसके चलते संशय की स्थिति है, दिवाली 20 या 21 अक्टूबर कब मनाई जाए. हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली का पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि मनाई जाती है. इस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है. दिवाली पर लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल और स्थिर लग्न में करने का विशेष महत्व होता है. इसके अलावा दिवाली की पूजा निशिता काल में करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 55 मिनट पर खत्म हो जाएगी. यानी 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि सूर्यास्त से पहले ही खत्म हो जाएगी इस कारण से प्रदोष काल और निशीथकाल का अभाव रहेगा ऐसे 21 अक्टूबर को दिवाली मनाया जाना अच्छा नहीं रहेगा. 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष और निशीथ काल दोनों ही रहेगा जिसमे लक्ष्मी पूजना करना बहुत ही शुभ रहेगा. आइए जानते हैं दिवाली की शुभ तिथि, महत्व और शुभ योग.
दिवाली अमावस्या शुभ तिथि 2025
पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 45 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5 बजकर 55 मिनट पर खत्म हो जाएगी. ऐसे में दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
दिवाली शुभ योग 2025
इस वर्ष दिवाली पर बहुत ही अच्छा और दुर्लभ संयोग बना हुआ है. पंचांग की गणना के अनुसार दीपावली पर हस्त नक्षत्र, रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है.
दिवाली 2025 और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
दिवाली पर प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है. 20 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 56 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 4 मिनट तक रहेगा. इस तरह से लक्ष्मी पूजन के लिए 01 घंटा 8 मिनट का समय मिलेगा. इसके अलावा दिवाली की पूजा निशिता काल में करने का महत्व होता है. इस दिन निशिता काल का मुहूर्त रात 11 बजकर 41 मिनट से लेकर रात लेकर 21 अक्टूबर को सुबह 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा.
20 अक्टूबर को ही दिवाली क्यों मनाएं?
ज्योतिष शास्त्र और मुहूर्त शास्त्र के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की रात, प्रदोष काल और निशीथ काल का विशेष महत्व होता है. पंचांग गणना के अनुसार, अमावस्या तिथि 20 अक्तूबर को दोपहर 03 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 55 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 20 अक्टूबर को ही अमावस्या तिथि, प्रदोषकाल और निशिताकाल रहेगी. ऐसे में 20 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी.