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Yogini Ekadashi 2025: कब है योगिनी एकादशी? जानिए सही तिथि, पूजा मुहूर्त और व्रत का महत्व

योगिनी एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष की 24 एकादशियों में से एक अत्यंत पुण्यदायी और शुभ एकादशी मानी जाती है. यह आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है. यह व्रत विशेष रूप से पापों के नाश, रोगों से मुक्ति और पुनर्जन्मों के कष्टों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है.

Yogini Ekadashi 2025: कब है योगिनी एकादशी? जानिए सही तिथि, पूजा मुहूर्त और व्रत का महत्व
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 12 Aug 2025 8:08 PM IST

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय होती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार योगिनी एकादशी पर की जाने वाली पूजा और व्रत का विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इस बार योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून,शनिवार को रखा जाएगा. हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एकादशी पड़ती है, जिसका अपना अलग महत्व होता है.

शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी पर व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्राणों को भोजन करने के फल फल मिलता है. इसके अलावा इस एकादशी का व्रत और पूजा करने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है. एकादशी पर व्रत रखने और श्रीहरि का नाम जपने से वैकुंठ लोग की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं योगिनी एकादशी की सही तिथि, पूजा मुहूर्त और धार्मिक महत्व के बारे में.

कब है योगिनी एकादशी

पंचांग की गणना के अनुसार, आषाढ़ माह की एकादशी तिथि की शुरुआत 21 जून 2025 को सुबह 07 बजकर 18 मिनट से होगी और इस तिथि की समापन 22 जून को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर होगा. ऐस में उदया तिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जाएगा.

महत्व

एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को अति प्रिय होती है. योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना का महत्व होता है. आषाढ़ माह में आने वाली योगिनी एकादशी का व्रत रखने और श्रीहरि का नाम जपने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्राणों को भोजन करने से बराबर का पुण्य मिलता है. इस व्रत को रखने से रुके हुए कार्यों में सफलता मिलती है और व्रत के प्रभाव से किसी के दिये हुए श्राप का भी निवारण हो जाता है. इसके अलावा हर तरह की इच्छाओं की पूर्ति होती है और जीवन में सुख-शांति रहती है.

पूजा का शुभ मुहूर्त

ब्रह्रा मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 04 मिनट से लेकर 04 बजकर 44 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 07 बजकर 21 मिनट से लेकर 07 बजकर 41 मिनट तक

योगिनी एकादशी व्रत का पारण का समय

22 जून को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट से शाम 04 बजकर 35 मिनट तक

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