घर का मंदिर कैसे बनाएं? इन 6 वास्तु टिप्स अपनाएं और देवी लक्ष्मी की कृपा पाएं!
घर का मंदिर न केवल पूजा और आध्यात्मिकता का केंद्र होता है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही दिशा और सही तरीके से स्थापित मंदिर घर में सुख-समृद्धि लाता है. जानिए घर के मंदिर से जुड़े कुछ खास वास्तु नियम जो आपके जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं.
घर का मंदिर न केवल पूजा और आध्यात्मिकता का केंद्र होता है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही दिशा और सही तरीके से स्थापित मंदिर घर में सुख-समृद्धि लाता है. जानिए घर के मंदिर से जुड़े कुछ खास वास्तु नियम जो आपके जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं.
मंदिर का स्थान सही दिशा में रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर को हमेशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखना चाहिए. यह दिशा सबसे पवित्र मानी जाती है और यहां देवी-देवताओं का वास होता है. अगर मंदिर को इस दिशा में रखा जाए तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.
दीवार से सटाकर मूर्तियां न रखें
मूर्ति को कभी भी दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है. मूर्तियों को हमेशा दीवार से थोड़ी दूरी पर रखें, ताकि ऊर्जा का प्रवाह सही तरीके से हो सके.
दो मूर्तियां एक साथ न रखें
घर के मंदिर में कभी भी एक जैसी दो मूर्तियां जैसे दो शिवलिंग, दो गणेश, आदि नहीं रखें. यह वास्तु दोष का कारण बन सकता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है.
फूलमाला से बचें
मंदिर में कभी भी सूखी फूलमाला या सूखे फूल नहीं रखने चाहिए. ऐसा करने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है. फूलों को ताजे रखें और नियमित रूप से बदलते रहें.
मूर्तियां स्थापित करते समय आसन का प्रयोग करें
मूर्तियों को स्थापित करने से पहले मंदिर में एक स्वच्छ कपड़ा या आसन जरूर रखें. यह न केवल मंदिर की पवित्रता को बनाए रखता है बल्कि ऊर्जा को भी सही दिशा में प्रवाहित करता है. इन सरल वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने घर के मंदिर से सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं और घर में सुख-शांति बनाए रख सकते हैं.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.





