Vastu Tips: वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए पूजा घर, जानिए इससे जुड़े नियम
शास्त्रों में हर एक दिशा के लिए देवी-देवताओं का प्रतिनिधित्व मिला हुआ है. इस वजह से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उस दिशा विशेष की पूजा करना शुभ होता है.

वास्तु शास्त्र में घर में बने पूजा स्थल के स्थान, दिशा और इससे जुड़े हुए नियमों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. पूजा स्थल घर का वह हिस्सा होता है जहां से सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा निकलती है. पूजा स्थल में नियमित रूप से भगवान की पूजा करने से देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर से जुड़े वास्तु नियमों का अगर पालन नहीं किया जाता है वहां पर वास्तु दोष पैदा हो जाता है, जिससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बना पूजा घर किस तरह का होना चाहिए.
पूजा घर सही स्थान
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा के लिए उत्तर-पूर्व जिसे ईशान कोण भी कहा जाता है, पूजा करने के लिए सबसे आदर्श स्थान होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी-देवताओं का वास इस दिशा में होता है और सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा इस कोण से निकलती है. ईशान कोण पूर्व और उत्तर दिशा के शुभ प्रभावों से युक्त होता है.
पूजा करते समय इस दिशा में होना चाहिए मुख
वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक पूजा करते समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए. वहीं अगर आपको धन प्राप्ति की इच्छा है तो उत्तर दिशा और अगर ज्ञान की प्राप्ति करने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख कर पूजा करने से फल मिलता है.
देवी-देवताओं की दिशा
शास्त्रों में हर एक दिशा के लिए देवी-देवताओं का प्रतिनिधित्व मिला हुआ है. इस वजह से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उस दिशा विशेष की पूजा करना शुभ होता है. गणेशजी के लिए उत्तर दिशा, मां दुर्गा और हनुमानजी की पूजा के लिए दक्षिण दिशा, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के लिए उत्तर-पूर्व दिशा, सूर्य उपासना, भगवान राम और भगवान विष्णु के लिए पूर्व दिशा, दक्षिण-पश्चिम दिशा पूर्वजों के लिए होती है.
पूजा के लिए किन नियमों का करें पालन
-पूजा करने से जहां देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है तो वहीं मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए पूजा स्थल पर सुबह और शाम के समय दीपक जलाना चाहिए
-पूजा घर में सूख चुके पुराने फूलों को नहीं रखना चाहिए. वास्तु में इसे शुभ नहीं माना जाता है
-जहां पर पूजा घर हो उसके नीचे या ऊपर शौचालय नहीं होना चाहिए
-पूजा घर में कभी भी महाभारत से जुड़ी कोई मूर्ति या फोटो नहीं होनी चाहिए.इसके अलावा पूजा घर में पूर्वजों की तस्वीरे भी न रखें
-पूजा घर में कभी खंडित किसी देवी या देवताओं की मूर्ति नहीं होनी चाहिए
-पूजा के लिए घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा का चुनाव करना वर्जित होता है