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राहु-केतु की अशुभता से बढ़ती है इस तरह की परेशानियां, जानें संकेत और उपाय

जब कुंडली में राहु कमजोर हो तो नदी में नारियल को प्रभावित करना चाहिए, या फिर बिना किसी बात के पड़ोसी से संबंध खराब होने लगे तो यह अनिष्ठ केतु के लक्षण है.

राहु-केतु की अशुभता से बढ़ती है इस तरह की परेशानियां, जानें संकेत और उपाय
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( Image Source:  AI SORA )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 3 Dec 2025 5:25 PM IST

ज्योतिष में राहु-केतु को क्रूर, पापी और छाया ग्रह माना जाता है. यह अशुभ ग्रहों की श्रेणी में आता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु के प्रभाव का विशेष महत्व होता है. अगर कुंडली में राहु अच्छे नहीं है तो जातकों को उनके जीवन में हर तरह के नकारात्मक प्रभाव देते हैं. राहु की भांति केतु भी अपना प्रभाव डालते हैं. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राहु को शनिवत राहु जबकि केतु को कुजवत केतु के नाम से भी जाना जाता है. यानी राहु का प्रभाव शनि की भांति जबकि केतु का प्रभाव मंगल की तरह होता है.

शास्त्रों के अनुसार कुंडली में राहु जहां पर बैठते हैं वहां की प्रगति में बाधा पैदा करते हैं. अगर राहु किसी जातक की कुंडली के धन भाव में बैठे हैं धन में कमी लाते हैं, वहीं अगर राहु नवम भाव जो को भाग्य का भाव कहलाता है उसमें अगर बैठे हैं तो जातक को भाग्योदय नहीं होने देते. राहु के स्वभाव में व्यक्ति गलत संगति में पड़ जाता है, जुआ और शराब के लत में पड़ जाता है. आइए जानते हैं राहु-केतु के कुंडली में अशुभ होने पर किस तरह के संकेत मिलते हैं.

कुंडली में अशुभ राहु-केतु के लक्षण को कैसे पहचानें

- घर में अगर किसी पालतू जानवर के मौत होने पर राहु-केतु अशुभ.

- घर में या घर के आसपास हमेशा बिल्ली के रोने का आवाज का आना राहु-केतु के अशुभ होने का लक्षण है.

- अचानक से किसी से धोखा मिलने पर.

- अचानक से आपके कंधे या सिर पर छिपकली का गिरना अशुभ राहु-केतु के अशुभ होने के का लक्षण है.

- शरीर के जोड़ों और हड्डियों में दर्द होना या फिर सुनने की क्षमता में गिरावट का आना.

- जब अचानक से आपका पुत्र आपके झगड़े और गुस्से करने लगे या फिर बिना किसी बात के पड़ोसी से संबंध खराब होने लगे तो यह अनिष्ठ केतु के लक्षण है.

- कुंडली में राहु-केतु की अशुभता के चलते व्यक्ति के मानसिक सेहत और आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

- राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति आलसी, चिंताग्रस्त, तनाव और डर के साये में रहता है.

- राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति की मानसिक स्थिति अच्छी नहीं होती है और डरावने समने आते हैं.

- राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को पेट संबंधी, त्वचा संबंधी और नसों से संबंधी परेशानियां बढ़ने लगती हैं.

राहु-केतु की अशुभता दूर करने के उपाय

- जब कुंडली में राहु कमजोर हो तो नदी में नारियल को प्रभावित करना चाहिए.

- जब कुंडली में केतु दुर्बल स्थिति में हो या फिर अशुभ हो तो व्यक्ति को कुत्तों का खाना खिलाना चाहिए.

- राहु-केतु के मंत्रों का जाप करने से कुंडली में से राहु की अशुभता कम होती है.

- राहु के लिए गोमेद जबकि केतु के लिए लहसुनिया की अंगूठी पहने से राहु-केतु का दुष्प्रभाव कम होता है.

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