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Maa Brahmcharini: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानिए उनसे जुड़ी पौराणिक कथा

नवरात्रि के पूरे दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे रूप को ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी से जुड़ी पौराणिक कथा

Maa Brahmcharini: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानिए उनसे जुड़ी पौराणिक कथा
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 3 Oct 2024 7:19 PM

Shardiya Navratri 2024: आज यानी 3 अक्टूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि का त्योहार शुरू हो चुका है. इस त्योहार पर पूरे दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. हर दिन देवी के एक विशेष रूप की पूजा का अलग महत्व होता है और इसी के अनुसार लोग उपवास रखते हैं. कहा जाता है कि नौ दिन पूजा अर्चना करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं. ऐसे में कई लोग जगराते करते हैं और पंडालों में देवी की प्रतिमा स्थापित करते हैं. पूरे नौ दिनों तक घरों और पंडालों में सुबह-शाम पूजा और आरती की जाती है. नवरात्रि के दौरान 9 रंगों का भी विशेष महत्व होता है, जो हर दिन के अनुसार बदले जाते हैं.

मां ब्रह्मचारिणी की कथा और तपस्या

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे रूप को ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, अपने अगले जन्म में मां सती ने राजा हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था और उन्हें पार्वती नाम से जाना गया. एक बार जब उन्होंने भगवान शिव को देखा तो उन्हें पति के रूप में प्राप्त करने की इच्छा जता. देवर्षि नारद के कहे अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या आरंभ की.

माता ने एक हजार वर्षों तक केवल फल और मूल खाए और सौ सालों तक शाकाहारी भोजन पर निर्भर रहीं. बीच में उन्होंने उपवास भी रखा था. कुछ समय बाद उन्होंने बिना अन्न और जल के भी तपस्या की. उनकी कठिन तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन दिए. तब शिवजी ने उन्हें "ब्रह्मचारिणी" नाम से संबोधित किया जिसका अर्थ है तपस्या करने वाली देवी. इसके बाद से माता के शांत और तपो रुप को "ब्रह्मचारिणी" कहा जाने लगा. इस रूप की पूजा से व्यक्ति को असीमित ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है और उसकी मानसिक क्षमता में वृद्धि होती है.

नवरात्रि में रंगों का महत्व

नवरात्रि के हर दिन एक विशेष रंग धारण किया जाता है जो देवी के अलग-अलग रूपों से जुड़ा होता है. यह रंग न केवल देवी की कृपा पाने का माध्यम होता है बल्कि साधकों की भक्ति और शक्ति को भी दर्शाता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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