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सावन माह का पहला प्रदोष आज, जानिए पूजा मुहूर्त और शिव आराधना का महत्व

सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 22 जुलाई 2025 को है, जो मंगलवार को पड़ने के कारण भौम प्रदोष कहलाता है. यह व्रत भगवान शिव और पार्वती की आराधना के लिए रखा जाता है. पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07:18 से रात 09:22 तक रहेगा. इस दिन गंगाजल, शहद, दही, पंचामृत और बेलपत्र से अभिषेक शुभ माना जाता है. व्रत से सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है. पूजा में तुलसी, हल्दी और तामसिक भोजन से परहेज करें.

सावन माह का पहला प्रदोष आज, जानिए पूजा मुहूर्त और शिव आराधना का महत्व
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( Image Source:  Meta AI )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 22 July 2025 8:34 AM IST

हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-आराधना के लिए रखा जाता है. सावन माह में प्रदोष व्रत पड़ने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इस वर्ष सावन का पहला प्रदोष व्रत, मंगलवार 22 जुलाई 2025 को है. मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है.

हर त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखने से शिवजी की विशेष कृपा मिलती है. सावन माह में प्रदोष व्रत पड़ने से शिवभक्त इस दिन विशेष रूप से व्रत रखते हैं और विधि-विधान के साथ मंत्रों का जाप और साधना करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से सुख-समृद्धि, अरोग्यता और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सावन प्रदोष व्रत रखने से, शिवजी की पूजा और जलाभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

सावन 2025 प्रदोष व्रत तिथि और पूजा शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 जुलाई को सुबह 7 बजकर 5 मिनट हो रही है जिसका समापन 23 जुलाई को सुबह 4 बजकर 39 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार प्रदोष व्रत 22 जुलाई को रखा जाएगा. सावन माह के पहले प्रदोष व्रत के लिए शिवजी की पूजा और जलाभिषेक के लिए शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.

सावन प्रदोष व्रत पर करें यह काम

गंगाजल से करें शिवलिंग का अभिषेक

सावन में महादेव की कृपा पाने के लिए और अपने जाने-अनजाने किए गए पापों का नाश करने के लिए सापन प्रदोष व्रत पर गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें.

शहद से अभिषेक

धन-संपदा और सुख-समृद्धि के लिए सावन प्रदोष व्रत पर भगवान भोले नाथ का शहद से अभिषेक करना शुभ होता है. इससे आर्थिक परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है.

दही से अभिषेक

मानसिक शांति के लिए सावन प्रदोष पर शिवलिंग पर दही से अभिषेक करना शुभ होता है. इससे शीतलता की प्राप्ति होती है.

पंचामृत से अभिषेक

सावन प्रदोष व्रत पर भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करना शुभ होता है. इससे कष्ट दूर होते हैं.

बेलपत्र और जल से अभिषेक

सावन प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इस दिन बेलपत्र और शुद्ध जल अर्पित करना शुभफलदायी होता है. इससे हर तरह की मनोकामना की पूर्ति होती है.

प्रदोष व्रत में रखें इन बातों का ध्यान

सावन प्रदोष व्रत अत्यंत ही शुभफलदायी माना जाता है. ऐसे में इस दिन तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए. नमक का सेवन करना प्रदोष व्रत में वर्जित होता है. इसके अलावा इस दिन भगवान शिव की पूजा में कभी तुलसी के पत्ते, टूटे चावल, हल्दी और केतकी के फूल को नहीं चढ़ाना चाहिए.

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