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Sawan 2025: सावन में कैसे करें शिवजी का रुद्राभिषेक? क्या इसे करने से पूरी होती है मनोकामना

सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक को बहुत ही शुभ और सर्वश्रेष्ठ माना गया है. सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार, प्रदोष, चतुर्दशी और सावन शिवरात्रि पर विशेष रूप रुद्राभिषेक करने का महत्व होता है. भगवान शिव के रुद्राभिषेक करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है और जीवन में कष्ट कम मिलते हैं.

Sawan 2025: सावन में कैसे करें शिवजी का रुद्राभिषेक? क्या इसे करने से पूरी होती है मनोकामना
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 6 July 2025 12:18 PM IST

सावन का पवित्र महीना इस साल 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है. सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह महीना भगवान शिव और माता पार्वती को अतिप्रिय होता है. सावन के महीने में भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं. इसलिए इस माह में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए.

रुद्राभिषेक करने के लिए पूजा सामग्री में कई चीजों को इस्तेमाल किया जाता है जैसे- गंगाजल, शुद्ध जल, भांग, धतूर, बेलपत्र, शहद, चीनी, गन्ने का रस, दूध, दहीं, फल, भस्म, चंदन, सफेद फूल आदि. आइए जानते हैं रुद्राभिषेक करने की सरल पूजा विधि.

क्या होता है रुद्राभिषेक?

शास्त्रों में रुद्राभिषेक के बारे में लिखा है- " रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र" यानी भगवान भोलेभंडारी सभी दुखों को हरकर उनका नाश कर देते हैं. ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं. रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है.

सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:.

रुद्रात्प्रवर्तते बीजं बीजयोनिर्जनार्दन:.

यो रुद्र: स स्वयं ब्रह्मा यो ब्रह्मा स हुताशन:.

ब्रह्मविष्णुमयो रुद्र अग्नीषोमात्मकं जगत्..”

रुद्राभिषेक की विधि

  • सावन के महीने और महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक विशेष फलदायी साबित होता है.
  • रुद्राभिषेक शुरू करने से पहले प्रथम पूज्य भवगान गणेश जी की श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करें.
  • फिर इसके बाद रुद्राभिषेक करने की संकल्प और आगे की विधि शुरू करें.
  • भगवान शिव, माता पार्वती सहित सभी देवता और नवग्रहों का आवहन करते हुए रुद्राभिषेक के उद्देश्य तो मन में रखते हुए इनकी पूजा करें और फिर रुद्राभिषेक की प्रक्रिया को प्रारंभ करें.
  • शिवलिंग को उत्तर दिशा में स्थापित करें. और पूर्व दिशा में मुख करके रुद्राभिषेक की प्रक्रिया को करें.
  • गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हुए शुरुआत करें.
  • रुद्राभिषेक में इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीजों को शिवलिंग पर एक-एक करके अर्पित करें.
  • शिवलिंग पर पंचामृत दूध,दही, शहद,शक्कर और घी समेत गन्ने के रस से अभिषेक करें.
  • शिवलिंग पर अभिषेक करने के दौरान लगातार पंचाक्षरी मंत्र ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
  • पंचामृत से अभिषेक करने के बाद दोबारा से जलाभिषेक करें.
  • इसके बाद शिवलिंग पर चंदन और भस्म का लेप लगाएं और इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र और रुद्राष्टकम मंत्र का जाप करें.
  • चंदन और भस्म लगाने के बाद बेलपत्र, भांग, शमी के पत्ते समेत सभी पूजा सामग्री को एक-एक करके चढ़ाएं.
  • फिर 108 बार शिव के मंत्रों का जाप करें.
  • अंत में चालीसा और आरती करें.
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