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Radha Ashtami 2024 : सर्वश्रेष्ठ भक्ति का प्रतीक है राधाअष्टमी, जानें महत्व और पूजा विधि

Radha Ashtami 2024 : भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.जानें इसके बारे में सब-कुछ.

Radha Ashtami 2024 : सर्वश्रेष्ठ भक्ति का प्रतीक है राधाअष्टमी, जानें महत्व और पूजा विधि
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( Image Source:  Meta AI )
संस्कृति जयपुरिया
संस्कृति जयपुरिया

Updated on: 17 Dec 2025 12:47 PM IST

Radha Ashtami 2024 : भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष यह तिथि 10 सितंबर को रात 11:11 पर प्रारंभ होगी और 11 सितंबर की रात 11:46 पर समाप्त होगी. अतः राधा अष्टमी का पर्व 11 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन राधा रानी की पूजा और भक्ति का विशेष महत्त्व होता है, और उनके प्रति श्रद्धा रखने वाले भक्त उनके चरणों में भक्ति समर्पित करते हैं. ऐसा माना जाता है कि राधा रानी की भक्ति के बिना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी रहती है.

राधा अष्टमी का विशेष महत्व

वैष्णव परंपरा में राधा और कृष्ण की पूजा का अत्यधिक महत्व है. मान्यता है कि जो भी भक्त राधा अष्टमी के दिन राधा रानी की आराधना करता है, उसे भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है. राधा-कृष्ण का प्रेम और भक्ति अविभाज्य हैं, और इसी कारण राधा को श्रीकृष्ण की आत्मा के रूप में भी देखा जाता है. श्रीमद्भागवत और अन्य धार्मिक ग्रंथों में राधा-कृष्ण के प्रेम को सर्वश्रेष्ठ भक्ति का प्रतीक माना गया है, जो न केवल लौकिक है, बल्कि अत्यधिक अलौकिक भी है. राधा रानी के प्रेम को निस्वार्थता और समर्पण का प्रतीक मानते हुए, राधा अष्टमी का पर्व प्रेम, भक्ति और श्रद्धा का उत्सव माना जाता है.

पूजा विधि और मंत्र

राधा अष्टमी के दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. राधा रानी की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थान पर स्थापित करें. गुलाब के फूल, चंदन, अक्षत, और धूप-दीप अर्पित करते हुए पूजा आरंभ करें. तुलसी के पत्तों से विशेष पूजा करें क्योंकि तुलसी राधा रानी को अत्यंत प्रिय है. भगवान श्रीकृष्ण का भी पूजन करें, उन्हें माखन-मिश्री और अन्य मिठाइयों का भोग अर्पित करें. अंत में आरती करें और व्रत कथा का पाठ करें. इस दिन राधा रानी के प्रेम, उनकी भक्ति और समर्पण का ध्यान करने से जीवन में शांति और सकारात्मकता आती है.

मंत्र

“ॐ राधायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात्”

“राधे राधे जय जय राधे, राधे राधे जय जय राधे।”

इन मंत्रों का 108 बार जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है और राधा-कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है.

राधा अष्टमी के दिन किए जाने वाले कार्य

राधा अष्टमी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन राधा रानी की कृपा से जीवन में समृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति का वास होता है.

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