प्रेमानंद महाराज से जानें कौन-सी आदत कर देती है सोचने की क्षमता खत्म
प्रेमानंद महाराज लोगों के सवालों के जवाब देते हैं. अक्सर लोग महाराज से अपनी परेशानियों का हल जानने वृंदावन पहुंचते हैं. प्रेमानंद महाराज का कहना है कि प्रभु की भक्ति में रहने वाले लोग हमेशा खुश रहते हैं.

टेक्नोलॉजी ने हमें पूरी तरह से काबू कर लिया है. आजकल लोगों के लिए फोन सबसे जरूरी चीज़ है. यह कहना गलत नहीं होगा कि अब फोन के आगे लोगों की जिंदगी नहीं बची है. इस पर प्रेमानंद महाराज ने अपनी चिंता जताई है. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मोबाइल की लत से सावधान रहना चाहिए. इसके कारण सोचते की शक्ति खत्म होने लगती है.
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि करीब 25-30 साल पहले हमारी जिंदगी में फोन आया था. क्या इससे पहले भारत में लोग जिंदा नहीं थे? क्या बिना मोबाइल के दुनिया नहीं चल रही थी.
फोन बन गया है परेशानी का कारण
प्रेमानंद महाराज फोन के आविष्कार के बाद से ही जीवन में समस्याएं बढ़ने लगी. अब लोग ज्यादा परेशान रहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि फोन के कारण चीजों पर ध्यान लगाना मुश्किल हो रहा है. हर पल फोन की तरफ ध्यान रहता है, जिससे मन शांत नहीं रहता है.
मोबाइल तक रह गई है जिंदगी सीमित
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि आज के लोगों की जिंदगी फोन तक की सीमित हो गई है. पूरा दिन फोन में गेम, रील्स और सीरियल देखते हैं. इस स्थिती को देख लगता है कि पूरा संसार फोन में समाया हुआ है.
नहीं रही भक्ति में आस्था
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि फोन के कारण लोग भक्ति में ध्यान नहीं लगा पा रहे हैं. प्रभु का नाम जपने के बजाय वह फोन में वीडियो देखते रहते हैं. अगर ऐसा चलता रहा, तो इसके कारण युवाओं का जीवन अंधकार में चला जाएगा.
बच्चों से फोन की आदत कैसे
आजकल की इस बिजी लाइफ के चलते पेरेंट्स अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं. इसके कारण बच्चे केवल चार दीवारी के अदंर कैद हो जाते हैं. आखिर में उनके पास मोबाइल चलाने का ऑप्शन बचता है. लेकिन आगे चलकर ये आदत लत में बदल जाती है. बच्चों को फोन चलाने की ऐसी आदत लग जाती है कि वह अपने पेरेंट्स की बात सुनना बंद कर देते हैं. इसके कारण माता-पिता परेशान हो जाते हैं. इस पर प्रेमानंद ने बताया कि कैसे वह अपने बच्चों की फोन की आदत छुड़वा सकते हैं. महाराज ने बताया कि बच्चों को बाहर घूमाने लेकर जाना चाहिए. साथ ही, उन्हें नई चीजों से रूबरू करवाना चाहिए, ताकि उनके जीवन में नयापन आ जाए.