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Margshirsh Pardosh Vrat: इस शुभ मुहूर्त में करें शिवजी पूजा, अटके कामों में मिलेगी सफलता

हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा करने पर भक्तों के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं

Margshirsh Pardosh Vrat: इस शुभ मुहूर्त में करें शिवजी पूजा, अटके कामों में मिलेगी सफलता
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 24 Nov 2024 6:47 PM

Margshirsh Pardosh Vrat Kab Hai: हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा करने पर भक्तों के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में आने वाला पहला प्रदोष व्रत 28 नवंबर 2024 को पड़ेगा. इस बार यह व्रत गुरु प्रदोष के रूप में मनाया जाएगा.

गुरु प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त

व्रत तिथि

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 28 नवंबर 2024 को सुबह 6:23 बजे होगी और इसका समापन 29 नवंबर 2024 को सुबह 8:39 बजे होगा.

अतः व्रत 28 नवंबर 2024 को रखा जाएगा.

पूजा का शुभ मुहूर्त

पूजा करने का सबसे उत्तम समय 28 नवंबर की शाम 5:24 बजे से 8:06 बजे तक है. इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

गुरु प्रदोष व्रत का महत्व

गुरु प्रदोष व्रत को बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि जो भक्त इस दिन भगवान शिव की उपासना करते हैं, उनके जीवन से सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं.

• अगर आपके बनते काम अटक रहे हों.

• परिवार में कलह या तनाव चल रहा हो.

• नया काम शुरू करने के बावजूद सफलता नहीं मिल रही हो.

इन सभी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए यह व्रत अत्यंत लाभकारी माना जाता है.

गुरु प्रदोष व्रत की पूजा विधि

• सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.

• शिवलिंग को गंगाजल और दूध से स्नान कराएं.

• बेलपत्र, धतूरा, भस्म और फूल चढ़ाकर भगवान शिव का पूजन करें.

• पूजा के समय "ॐ नमः शिवाय" और "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे" मंत्र का जप करें.

• शाम के शुभ मुहूर्त में दीप जलाकर शिव जी की आरती करें.

विशेष ध्यान रखें

पूजा की थाली में भगवान शिव को प्रिय भोग जैसे फल, मिष्ठान्न और पंचामृत अर्पित करें. व्रत के दिन सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें. इस व्रत से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पूरे परिवार पर बरसती है और जीवन में सुख-शांति आती है.



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