6 नवंबर से मार्गशीर्ष महीना शुरू, जानिए इस महीने का महत्व और व्रत-त्योहारों की लिस्ट
6 नवंबर से हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है. यह महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है. मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना कहा गया है, जिसमें पूजा, भक्ति और दान का विशेष महत्व होता है. इस महीने में किए गए व्रत, पूजा और दान से मनुष्य को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
कार्तिक महीना बीत जाने के बाद अब मार्गशीर्ष, जिसे अगहन का महीना कहते हैं वह शुरू चुका है. हिंदू धर्म में अगहन के महीने को बहुत ही अच्छा माना जाता है. भगवान कृष्ण को मार्गशीर्ष का महीना बहुत ही प्रिय होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं ही गीता में कहा है- ' मासानां मार्गशीर्षोस्हम' यानी महीनों मे मैं मार्गशीर्ष हूं.
अगहन माह में स्नान, दान और भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व होता है. मार्गशीर्ष माह में किए शुभ कार्य, दान और भक्ति करने से हर एक तरह के पापों का नाश होता है. इसके अलावा व्रत-त्योहार के लिहाज से यह महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इस महीने में प्रदोष व्रत, अमावस्या, एकादशी जैसे व्रत रखे जाएंगे. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष के महीने में आने वाले व्रत-त्योहारों की लिस्ट.
मार्गशीर्ष महीना कब से कब तक
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर, बुधवार को था फिर इसके अगले दिन यानी 06 मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत 06 नवंबर 2025 से होगी, जो 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ अगहन का महीना समाप्त हो जाएगा.
इस माह का महत्व
शास्त्रों के अनुसार हिंदू पंचांग का मार्गशीर्ष या अगहन मास धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. यह महीना भगवान कृष्ण की प्रिय महीना होता है. ऐसे में इस माह भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा करने का महत्व होता है. इस माह में दान, स्न्नान धर्म कर्म करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है वहीं मन को शांति और स्थिरता प्राप्त होती है. ज्योतिष में इस माह का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से है इसलिए इस महीने का नाम मार्गशीर्ष रखा गया है. गीता में लिखा है कि- बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्. मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकर - अर्थात - मैं सामों में बृहत्साम, छन्दों में गायत्री, मासों में मार्गशीर्ष और ऋतुओं में वसन्त ऋतु मैं हूँ. इस श्लोक के माध्यम से श्रीकृष्ण ने स्वंय को मार्गशीर्ष महीना बताया है.
मार्गशीर्ष महीने के व्रत त्योहार और उसकी तारीखें
- मार्गशीर्ष मास शुरूआत- 6 नवंबर
- रोहिणी व्रत- 7 नवंबर
- संकष्टी चतुर्थी- 8 नवंबर
- कालभैरव जयंती- 12 नवंबर
- उत्पन्ना एकादशी- 15 नवंबर
- वृश्चिक संक्रांति- 16 नवंबर
- सोम प्रदोष व्रत- 17 नवंबर
- मासिक शिवरात्रि- 18 नवंबर
- मार्गशीर्ष अमावस्या- 20 नवंबर
- विवाह पंचमी- 25 नवंबर
- स्कन्द षष्ठी, चम्पा षष्ठी- 26 नवंबर
- दुर्गाष्टमी व्रत- 28 नवंबर
- मोक्षदा एकादशी, गीता जयन्ती- 1 दिसंबर
- भौम प्रदोष व्रत, मत्स्य द्वादशी- 2 दिसंबर
- अन्नपूर्णा जयन्ती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा, दत्तात्रेय जयन्ती- 4 दिसंबर





