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Mahalakshmi Vrat 2024: इस मुहूर्त में करें देवी लक्ष्मी की पूजा, हो सकती है धन की बरसात

हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी समृद्धि, ऐश्वर्य, धन, और खुशहाली की देवी मानी जाती हैं। उन्हें लक्ष्मी माता, महालक्ष्मी, या श्री के नाम से भी पूजा जाता है। वहीं, देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं और उन्हें विष्णुपत्नी के रूप में पूजा जाता है। वे विष्णु के साथ ब्रह्मा और शिव के त्रिमूर्ति के भाग के रूप में भी जानी जाती हैं।

Mahalakshmi Vrat 2024: इस मुहूर्त में करें देवी लक्ष्मी की पूजा, हो सकती है धन की बरसात
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 14 Oct 2025 4:39 PM IST

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन-दौलत की देवी कहा जाता है. माना जाता है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों के जीवन में पैसों की कमी नहीं होती है. मां लक्ष्मी की अराधना करने से घर में सुख-शांति भी बनी रहती है. हिंदू धर्म में महालक्ष्मी व्रत हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। चलिए जानते हैं इस साल कब रखा जाएगा महालक्ष्मी व्रत। साथ ही, मां को किन चीज़ों का भोग लगाना चाहिए.

महालक्ष्मी व्रत तिथी और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल महालक्ष्मी का व्रत 10 सितंबर को रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा। वहीं, यह तिथि 11 सितंबर को रात में 11 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में 11 सितंबर को महालक्ष्मी का व्रत रखा जाएगा.

महालक्ष्मी व्रत की पूजा विधि

इस व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद, पूजा के लिए एक साफ जगह पर रंग-बिरंगे कपड़े बिछाएं और वहां देवी लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। पूजा में आमतौर पर दीपक, अगरबत्ती, फूल, अक्षत (चिउड़े), मिठाई, फल, और गंगा जल का उपयोग किया जाता है। व्रत के दिन देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना चाहिए जैसे "ॐ महालक्ष्मै नमः" या "ॐ श्री महालक्ष्मयै नमः।" इसके अलावा आप या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। धिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती॥ मंत्र भी जाप कर सकते हैं.

माता लक्ष्मी को लगाएं इन चीज़ों को भोग

महालक्ष्मी व्रत के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि मां लक्ष्मी को खीर बेहद प्रिय थी. इसके अलावा, आप हलवा, मालपुए और नारियल का भी भोग लगा सकते हैं।

महालक्ष्मी व्रत का महत्व

महालक्ष्मी व्रत का मुख्य उद्देश्य देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना होता है, जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं। इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक समृद्धि की कामना करता है. इसके अलावा, इस व्रत से घर में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है। देवी लक्ष्मी की कृपा से परिवार में रिश्ते मजबूत होते हैं और गृहस्थ जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

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