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Kumbh Mela 2025: कुम्भ मेला में कमाना है पुण्य, करें ये खास काम; मिलेगी शांति और मोक्ष!

कुम्भ मेला, जहां लाखों लोग पुण्य कमाने के लिए संगम में स्नान, दान और ध्यान करते हैं, एक ऐसा अवसर है, जिससे जीवन में शांति और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. लेकिन, इस पवित्र मेले में जाने से पहले यह जरूरी है कि हम कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें

Kumbh Mela 2025: कुम्भ मेला में कमाना है पुण्य, करें ये खास काम; मिलेगी शांति और मोक्ष!
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 24 Nov 2024 7:04 PM IST

Kumbh Mela Dos And Donts: कुम्भ मेला, जहां लाखों लोग पुण्य कमाने के लिए संगम में स्नान, दान और ध्यान करते हैं, एक ऐसा अवसर है, जिससे जीवन में शांति और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. लेकिन, इस पवित्र मेले में जाने से पहले यह जरूरी है कि हम कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें, ताकि जाने-अन्जाने हम कोई गलत काम न कर बैठें और अपना पुण्य अर्जित कर सकें.

इन बातों का रखें ध्यान

कुम्भ मेला में सम्मिलित होने वाले हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि वह त्रिवेणी संगम के पास, कुम्भ क्षेत्र में रहते हुए निष्कलंक, सरल और धर्मनिष्ठ होकर अपनी दिनचर्या का पालन करें. धर्मशास्त्रों के अनुसार, कुम्भ क्षेत्र में पहुंचकर हमें नियमित रूप से तीर्थ स्नान करना चाहिए, देव मन्दिरों का दर्शन करना चाहिए और हर दिन तर्पण, हवन, यज्ञ और वेद-पुराण का स्वाध्याय करना चाहिए.

इस दौरान राम नाम का जाप भी बेहद महत्वपूर्ण है. कुम्भ क्षेत्र में राम का नाम लिखने से न केवल ग्रहों का प्रभाव कम होता है, बल्कि यह पुण्य अर्जन और मनोकामनाओं की पूर्ति का कारण भी बनता है. श्रद्धालुओं को चाहिए कि गंगा स्नान करने के बाद 108 बार राम का नाम लाल स्याही से लिखें और अपने इष्ट का लगातार स्मरण करें.

कुम्भ मेला में उदार मन से दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है. दान न केवल दूसरों की मदद करता है, बल्कि यह हमारे जीवन को भी सुखमय बनाता है. साथ ही, साधु-महात्माओं के दर्शन और उनके उपदेशों का पालन करके हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं. साथ ही, कुम्भ में खानपान भी सात्त्विक होना चाहिए. एक समय फलाहार और एक समय अन्नाहार करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध रहते हैं. तीर्थ में दान लेना नहीं चाहिए, बल्कि दान देने का प्रयास करना चाहिए.

आखिरकार, कुम्भमें कल्पवास करते हुए अपने इष्ट देवता का सुमिरन करें और जितना हो सके, सेवा कार्यों में भाग लें. अपने ही अन्न और वस्त्र का उपभोग करें और दूसरों का अन्न न खाएं. ध्यान रखें, कुम्भ स्नान के दौरान कुम्भ के स्वरूप का ध्यान और कुम्भ प्रार्थना करना जरूरी है, ताकि आप अपना पुण्य अर्जित कर सकें.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते. महाकुंभ मेला, prayagraj, kumbh mela, mahakumbh 2025, kumbh niyam, do’s and don’ts of mahakumbh 2025, mela in prayagraj

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