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Bhai Dooj 2024: इन खास परंपराओं से जुड़ा है भाई-बहन का अनमोल रिश्ता, जानें इसका महत्व और कथा

दिवाली के तीन दिन बाद आने वाला भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित होता है. इस साल 15 नवंबर 2024 को भाई दूज मनाया जाएगा. यह पर्व रक्षाबंधन की तरह ही है, जिसमें बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं और तिलक कर उनका स्वागत करती हैं.

Bhai Dooj 2024: इन खास परंपराओं से जुड़ा है भाई-बहन का अनमोल रिश्ता, जानें इसका महत्व और कथा
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 20 Oct 2024 10:00 PM IST

Bhai Dooj 2024: दिवाली के तीन दिन बाद आने वाला भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित होता है. इस साल 15 नवंबर 2024 को भाई दूज मनाया जाएगा. यह पर्व रक्षाबंधन की तरह ही है, जिसमें बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं और तिलक कर उनका स्वागत करती हैं.

भाई दूज की पूजा विधि और परंपरा

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, रोली और अक्षत से पूजा करती हैं और उन्हें मिठाई खिलाती हैं. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं और उपहार स्वरूप नारियल भेंट करती हैं. तिलक के बाद भाई बहन की रक्षा का वचन देते हैं और भाई अपने बहन को उपहार भी देते हैं. यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. उत्तर भारत में नारियल का गोला भेंट करने की प्रथा है, वहीं पूर्वी भारत में शंखनाद के साथ तिलक करने की मान्यता है.

भाई दूज का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज पर बहनें अपने भाई को तिलक कर भोजन कराती हैं. ऐसा माना जाता है कि जो भाई बहन के घर जाकर भोजन करता है, उसे यमराज का भय नहीं रहता और अकाल मृत्यु से भी बचाव होता है. यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है और उन्हें सुख-समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है.

भाई दूज की पौराणिक कथा

स्कंदपुराण के अनुसार, भगवान सूर्य की पुत्री यमुना ने अपने भाई यमराज को घर भोजन के लिए आमंत्रित किया था. यमराज ने बहन के आतिथ्य से प्रसन्न होकर वचन दिया कि जो भाई इस दिन बहन के घर भोजन करेगा, उसे यमलोक का भय नहीं रहेगा. एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए और सुभद्रा ने उनका तिलक कर स्वागत किया. तभी से यह पर्व भाई दूज के रूप में मनाया जाता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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