Begin typing your search...

Sharad Purnima के दिन खीर से मिलेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद, जानें इसका महत्व और लाभ

शरद पूर्णिमा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है, जो हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. यह पूर्णिमा रास पूर्णिमा और कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्ध है. शास्त्रों के अनुसार, इस रात भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था, इसलिए इसे रास पूर्णिमा कहा जाता है. वहीं, इस रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं जिसे कोजागर पूर्णिमा कहते हैं.

Sharad Purnima के दिन खीर से मिलेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद, जानें इसका महत्व और लाभ
X
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 12 Oct 2024 8:02 PM

Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है, जो हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. यह पूर्णिमा रास पूर्णिमा और कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्ध है. शास्त्रों के अनुसार, इस रात भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था, इसलिए इसे रास पूर्णिमा कहा जाता है. वहीं, इस रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं जिसे कोजागर पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखने की परंपरा है. आइए जानते हैं, शरद पूर्णिमा 2024 की तारीख, खीर रखने का समय और इसके चमत्कारी लाभ.

तारीख और शुभ समय

वेदिक पंचांग के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024, बुधवार को मनाई जाएगी. अश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को रात 8:40 बजे शुरू होकर 17 अक्टूबर 2024 की शाम 4:55 बजे समाप्त होगी. इसी दिन शाम 5:5 बजे चंद्रोदय होगा, जब शरद पूर्णिमा की खीर बनाने और उसे चंद्रमा की किरणों में रखने का शुभ समय शुरू होगा. रात 8:40 से यह प्रक्रिया की जा सकती है जब चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से सजी किरणें पृथ्वी पर फैलाएगा. आइए जानते हैं चमत्कारी खीर खाने के लाभ.

मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

इस दिन खीर बनाकर देवी लक्ष्मी को भोग लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. उनके आशीर्वाद से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है. खीर का सेवन करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

कुंडली में चंद्रमा होगा मजबूत

शरद पूर्णिमा की खीर दूध, चीनी और चावल से बनती है जो चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं हैं. इसे खाने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है, जिससे चंद्र दोष समाप्त हो सकता है. यह मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है.

सेहत में सुधार

धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों में अमृत के समान औषधीय गुण होते हैं. जब चंद्रमा की किरणें खीर पर पड़ती हैं तो वह खीर अमृतमय हो जाती है. इसका सेवन सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी होता है और त्वचा की चमक भी बढ़ती है.

रोगों से राहत

शरद पूर्णिमा की खीर शरीर और मन को शीतलता प्रदान करती है,जिससे कई रोगों में राहत मिलती है. यह खीर पाचन क्रिया को भी सुधारती है और शरीर को स्वस्थ बनाए रखती है.

इम्युनिटी में सुधार

चांदी के बर्तन में खीर रखकर चांदनी में रखने से उसमें औषधीय गुण और बढ़ जाते हैं. इसका सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है. शरद पूर्णिमा का यह अनोखा त्योहार धार्मिक और स्वास्थ्य दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है.खीर का सेवन करने से आप मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और कई चमत्कारी लाभ भी पा सकते हैं.


डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

अगला लेख