Ram Navami 2025: क्या राम नवमी होती है महानवमी से अलग? जानें इस दिन क्या किया जाता है
राम नवमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से पूजा, आरती और भजन कीर्तन होते हैं. भक्तगण इस दिन राम की पूजा करते हैं, रामकथा का श्रवण करते हैं और श्रीराम के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेते हैं.

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन राम नवमी का त्यौहार मनाया जाता है. यह दिन भगवान राम को समर्पित है. हिंदू धर्म में कई त्यौहार के नाम एक-जैसे होते हैं, लेकिन इन पर्व को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. इसी तरह राम नवमी और महा नवमी मनाने का रिवाज है.
क्या आपको भी लगता है कि ये दोनों त्योहार एक ही हैं? लेकिन ऐसा नहीं है. राम नवमी और महा नवमी दोनों में अलग-अलग भगवान की पूजा की जाती है.
क्यों मनाई जाती है राम नवमी
राम नवमी के दिन भगवान राम का अयोध्या में जन्म हुआ था. मर्यादा पुरुषोत्तम राम चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथी को पैदा हुए थे. भगवान राम का जन्म राक्षसों के नाश और धर्म की स्थापना के लिए हुआ था. वह श्रीवर्धमान कुल के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे. भगवान राम के साथ ही उनके भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का भी विशेष स्थान है.
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क्या होती है महानवमी?
महानवमी नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नवरात्रि के नौवें दिन मनाई जाती है. यह दिन विशेष रूप से दुर्गा पूजा के दौरान माता दुर्गा की पूजा और उनके विजय की याद में मनाया जाता है.
राम नवमी पर क्या करें?
राम नवमी पर रामायण पाठ करें. इसके अलावा, इस दिन बजरंग बली की पूजा करने से लाभ मिलता है. हनुमान चालीसा का पाठ करें. साथ ही, इस दिन दान करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, राम नवमी के दिन सात्विक भोजन खाएं. मांस-मछली, शराब और तंबाकू जैसी चीजों से दूरी बनाएं.
महा नवमी
महा नवमी के दिन सबसे पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनें. इसके बाद मंदिर की सफाई करें. मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र को पवित्र स्थान पर रखें और दीपक जलाएं और मां को चरणामृत, अक्षत , पुष्प, घी का दीपक, कपूर और नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें.